
Parenting Styles: बच्चे अपने माता-पिता की बातों को बहुत गौर से सुनते हैं और उनसे गहराई से प्रभावित होते हैं। इसलिए माता-पिता को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे किन विषयों पर बच्चों के सामने बातचीत कर रहे हैं। कुछ विषय ऐसे होते हैं जो बच्चों के मेंटल और इमोशनल डेवलपमेंट पर निगेटिव असर डाल सकते हैं। यहां पर हम आपको 8 ऐसी बातें बताएंगे जिसे बच्चों के सामने बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
बच्चों के सामने दूसरों की आलोचना नहीं करना चाहिए। अगर आप उसके सामने ही दूसरों की बुराई बार-बार करते हैं तो उसकी सोच में भी वैसी ही तस्वीर बनने लगेगी। उसके अंदर नेगेटिव सोच पनप सकती है। वो फिर अपने दोस्तों, फैमिली को लेकर गलत सोचने लगेगा।
बच्चों के सामने आर्थिक समस्याओं की बात करने से बचें। इससे उन्हें असुरक्षा, तनाव और चिंता हो सकती है, जिससे उनके मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।
अक्सर पैरेंट्स बच्चों के सामने ही मौत की बातें करने लगते हैं। कई बार वे मजाक या गुस्से में कह देते हैं,"मैं मर जाऊंगा" जैसी बातें, जो बच्चों को डरा सकती हैं। मौत के नाम पर बच्चों को डराना बिल्कुल सही नहीं है। अगर बच्चा इस विषय में सवाल करता है, तो उसे बहुत ही संवेदनशीलता से और उसकी उम्र के अनुसार सिंपल जवाब दें।
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ऑफिस की परेशानियां, बॉस से झगड़ा या जॉब सिक्योरिटी जैसे विषयों पर बच्चों के सामने बात करने से वे चिंता करने लगते हैं। इसलिए ऑफिस की परेशानी की बात बच्चों के सामने ना करें।
अगर कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो तो उसे बच्चों के सामने न बताएं, जब तक जरूरी न हो। इससे वे मेंटल रूप से परेशान हो सकते हैं।
बच्चों के सामने यौन विषयों पर स्पष्ट और वयस्कों जैसी बातें न करें। ऐसे विषय उम्र के अनुसार और सही तरीके से समझाए जाने चाहिए।
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पति-पत्नी के झगड़े या आपसी मतभेद बच्चों के सामने न लाएं। इससे वे असुरक्षित और भावनात्मक रूप से परेशान हो सकते हैं।
अगर तलाक होने वाला है, तो बच्चों के सामने इस पर खुलकर बहस या तनाव न दिखाएं। इस विषय को बहुत ही सोच-समझकर और बच्चों की उम्र के अनुसार ही उनके साथ शेयर करें। तलाक किसी भी बच्चे के लिए सही नहीं होता है।