प्रेमानंद महाराज ने बताया दुर्गति पक्की है, अगर बच्चे के दोस्त नहीं बनें तो

सार

Why is parenting important in a child life: बच्चों को बेहतर इंसान बनने के लिए डिसिप्लिन में रखना चाहिए या फिर लिबर्टी देनी चाहिए, ये सवाल हर माता-पिता के मन में होता है। जिसका जवाब प्रेमानंद महाराज ने दिया है।

 

premanand maharaj parenting tips:बच्चे के पैदा होने से लेकर युवा अवस्था में पहुंचने तक हर माता-पिता की चिंता होती है कि उसकी कैसे परवरिश करें कि वो बेहतर इंसान बन सके। कई बार तो पैरेंट्स इस गिल्ट में भी रहते हैं कि वो अपने बच्चे की परवरिश ठीक से नहीं कर रहे हैं। अगर आपके मन में भी सही परवरिश को लेकर सवाल है तो प्रेमानंद महाराज से जवाब जान सकती हैं। उनकी सलाह आपके बहुत काम आने वाली है।

बच्चे के साथ दोस्त की तरह पेश आएं

बचपन से लेकर बड़े होने तक हम बच्चे को डिसिप्लिन में रखने के लिए कड़ा व्यवहार करते हैं। जबकि प्रेमानंद महाराज ने इस पैरेंटिंग(parenting tips) को गलत बताते हुए कहा कि  माता-पिता को बच्चों के साथ दोस्त की तरह पेश आना चाहिए। इससे बच्चे माता-पिता के साथ खुलकर बात करते हैं और अपनी परेशानी बताते हैं। इतना ही नहीं उनके अंदर संयम भी आता है।

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बच्चे साथ बात करें और सही-गलत सिखाएं

प्रेमानंद महाराज (premanand maharaj)ने कहा कि माता-पिता को बच्चों के साथ वक्त गुजारना चाहिए। उनके साथ बैठकर बात करनी चाहिए। अगर उनके पास मोबाइल है तो वो भी देखना चाहिए। अगर वो कुछ गलत देख रहे हैं तो उन्हें सिंपल और सॉफ्ट लैंग्वेज में बताएं कि क्या सही है और क्या गलत। उन्हें ये भी बताएं कि अगर आप किसी मुश्किल में फंस जाए तो हमें आकर जरूर बताएं।

पैरेंट्स अपने गलत आचरण को सुधारें

गुरुजी ने आगे कहा कि पैरेंटस कभी-कभी गलत आचरण करते हैं जिसकी वजह से बच्चे भी वहीं सीख जाते हैं। जिससे उनका जीवन दुर्गति की ओर जा सकता है। माता-पिता जो करते हैं बच्चा भी उन्हें देखकर वहीं काम करने लगता है। इसलिए बच्चे को सुधारने से पहले माता-पिता को खुद में सुधार लाना चाहिए।

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बच्चों पर हुकूम ना चलाएं

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि बच्चों पर पैरेंट्स को हुकूम नहीं चलाना चाहिए। डर और द्ववेष की वजह से उनका मन अलग होने लगता है। धीरे-धीरे डर भी खत्म हो जाता है और वो खुद की मर्जी से काम करने लगते हैं। बच्चे के साथ हमेशा दोस्त बनकर रहना चाहिए। जब बच्चे को यह पता चल जाएगा कि उनके पैरेंट्स उनके दोस्त है तो वो कुछ भी नहीं छुपाएंगे। वो आपकी राय पर गौर भी करेंगे।

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