
Marriage Guide: शादी जीवन भर का साथ निभाने का नाम नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसी डोर है जिसे टूटने से बचाने के लिए हर दिन जद्दोजहद करनी पड़ती है। लेकिन कई बार कुछ छोटे लेकिन गहरे व्यवहार धीरे-धीरे रिश्ते को कमजोर कर देती है। ये ऐसे साइलेंट किलर्स होते हैं जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। हमें लगता ही नहीं कि इसकी वजह से शादी में कोई दिक्कत आएगी। लेकिन धीरे-धीरे यह प्यार को खत्म कर सकता है। इमोशनल दूरी पैदा कर सकता है।आइए जानते हैं ऐसे 8 साइलेंट किलर्स के बारे में, जो आपकी शादी को खत्म कर सकते हैं:
अक्सर पति या पत्नी में से कोई ऐसा होता है जो अपने मन की बात नहीं कह पाता है, बस अंदर ही अंदर नाराज होते रहता है। यह रिश्ते में एक दीवार खड़ी कर देता है। धीरे-धीरे यह दीवान इतनी मोटी हो जाती है कि इसमें कोई भावना या अपनापन आर पार नहीं होती है। इंसान अंदर से इतना जिद्दी हो जाता है कि समाने वाली के परवाह करना ही छोड़ देता है। जो रिश्ते के टूटने की वजह बन जाती है। इसलिए चुप रहने से बेहतर है कि अपनी नाराजगी सामने वाले पर जाहिर कर देना।
अगर आपका मोबाइल आपकी जिंदगी का सबसे करीबी साथी बन गया है और पार्टनर की बातें सिर्फ बैकग्राउंड नॉइज लगती हैं, तो सतर्क हो जाएं। ज्यादा मोबाइल स्क्रोलिंग भी रिश्ते को अंदर से मारने के लिए काफी है। स्क्रीन से समय निकालें और अपने जीवनसाथी को पूरा समय और ध्यान दें, नहीं तो शादी टूटने में देर नहीं लगेगी।
चाहे वो मजाक में कही गई बात हो या कोई छोटा-सा ताना, लगातार आलोचना से सामने वाला खुद को बेकार और कमतर समझने लगता है। इतना ही नहीं उसका लगाव भी आपसे कम होते जाता है। एक वक्त आता है जब वो आपकी बातों को सुनता ही नहीं है और आपसे इमोशनली अलग भी हो जाता है। इसलिए पार्टनर की तारीफ करें, सराहना करें। आलोचना अगर करनी भी हो तो तरीके और समय का ध्यान रखें।
शुक्रिया कहना छोटी बात लगती है, लेकिन इसका असर गहरा होता है। जब हम रोजाना की मेहनत और छोटे-छोटे कामों की कदर नहीं करते, तो रिश्ते में बेरुखी आ जाती है। इसलिए पार्टनर को एक दूसरे को थैक्यू बोलने से परहेज नहीं करना चाहिए। इससे सामने वाला महसूस करेगा कि उसकी अहमियत आपकी जिंदगी में है।
जब आप अपने पार्टनर की तुलना किसी और से करते हैं, तो आप अनजाने में यह संदेश देते हैं कि तुम काफी नहीं हो। ऐसा करना भी रिश्ते को कमजोर करता है। इसलिए उनके गुणों को पहचानें, और उनकी तुलना सिर्फ उनके पुराने वर्जन से करें बेहतर बनने के लिए, किसी और से नहीं।
"उसे खुद समझना चाहिए कि मैं क्या महसूस कर रही हूं" यह सोच रिश्ते को तोड़ सकती है। बिना बोले कोई भी दिल नहीं पढ़ सकता। पार्टनर से मन की बात समझने की उम्मीद बिल्कुल भी ना करें। साफ-साफ बोलिए कि आपके मन में क्या है।
सिर्फ आर्थिक सुरक्षा काफी नहीं होती। साथी की भावनाओं को समझना, उन्हें समय देना और उनके दुख-सुख में साथ देना बहुत जरूरी है। इसलिए बिना जज किए बिना उन्हें सुनिए। उन्हें अपना सहारा दीजिए।
कुछ लोग सोचते हैं कि बहस से बचकर रिश्ते को बचाया जा सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि दबे हुए मुद्दे कभी गायब नहीं होते, वे अंदर ही अंदर जलते रहते हैं। इसलिए बहस करें लेकिन इज्जत और समझदारी के साथ। साफ बातचीत रिश्ते को मजबूत बनाता है।