आपका लाडला भी हो सकता है घर में यौन शोषण का शिकार, बच्चों के 'गंदे अंकल' की ऐसे करें पहचान

Published : May 01, 2023, 01:58 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क. समाज में शैतानों की कमी नहीं है जो मौका मिलते ही आपकी लाडली और लाडले को अपने हवस का शिकार बना सकते हैं। बच्चियों की तरह ही ऐसे शैतान छोटे बच्चे को टारगेट करते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है इनकी पहचान करना।

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बच्चियां तो आए दिन अपने करीबियों के हाथों यौन शोषण का शिकार होती हैं। लेकिन लाडले भी घर में सुरक्षित नहीं हैं। वो भी गंदे अंकल के शिकार हो सकते हैं। एक्टर, राइटर और गीतकार पीयूष मिश्रा ( Piyush Mishra) भी बचपन में यौन शोषण के शिकार हो चुकी हैं। उन्होंने अपनी बुक 'तुम्हारी औकात क्या है?'में अपने दर्द का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि जब वो सातवीं क्लास में थे तब उनका यौन शोषण हुआ था। जो जिंदगी भर का तकलीफ दी। इससे निकलने में लंबा वक्त लगा।

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पियूष मिश्रा की तरह आए दिन लड़कों का भी यौन उत्पीड़ होता है। कुछ तो इसके बारे में बता पाते हैं, लेकिन कुछ तो शर्म की वजह से जीवन भर इस दर्द को अपने अंदर छुपा लेते हैं।

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हैरान करने वाली स्टडी रिपोर्ट

2007 में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने चाइल्ड अब्यूज को लेकर देश भर में एक स्टडी कराई। जिसमें 53.2 फीसदी बच्चों ने एक या कई बार यौन शोषण झेला। जिसमें से 52.9प्रतिशत तो लड़के थे। वहीं ‘बटरफ्लाईज’ नाम की संस्था ने 'ब्रेकिंग द साइलेंस'नाम से एक स्टडी कराई। जिसमें सामने आया कि जिन लड़कों का यौन शोषण हुआ उसमें से ज्यादातर उनके जानने वाले ही थे।

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बच्चियों की तरह बच्चे की भी सुरक्षा जरूरी

मतलब लड़का हो या फिर लड़की दोनों का यौन शोषण होता है। ऐसे में सुरक्षा दोनों को चाहिए। इतना ही नहीं गंदे इंसान की पहचान भी करना दोनों के लिए जरूरी है। माता-पिता जितना ख्याल इस मामले में बच्चियों को लेकर रखते हैं उतना ही लड़के को लेकर भी रखना चाहिए।

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लाडले को बताए गुड टच-बैड टच

-माता-पिता को बिना डरे और शर्मा बच्चों के प्राइवेट बॉर्डी पार्ट्स को लेकर रुल्स बताने चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए कि होंठ, छाती और टांगों के बीच का सामने और पीछे का हिस्सा अगर कोई टच करता है तो वो बैड टच होता है। बच्चों को बताए कि ना तो ये तीन पार्ट्स किसी के छूने चाहिए और ना ही किसी को छूने देना चाहिए।

-बच्चों को बताए कि अगर ये तीनों पार्ट्स को कोई व्यक्ति टच करता है या करने की कोशिश करता है तो मना करना चाहिए। इतना ही नहीं तुरंत घर में आकर माता-पिता को बताना चाहिए।

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चाइल्ड अब्यूजर की करें पहचान

-चाइल्ड अब्यूजर घर में या घर के आसपास ही रहने वाला व्यक्ति हो सकता है। ऐसे लोग फैमिली के नजदीक आते हैं और उनका भरोसा जीत लेंते हैं। फिर बच्चे के करीब आने की कोशिश करते हैं।

-चाइल्ड अब्यूजर भावुकता वाली बात करेगा, रोएगा और खुद को कमजोर बताने की कोशिश करेगा। ऐसे में आपको लगेगा कि हो सकता है ये अच्छा इंसान है और उससे कोई खतरा नहीं। इसी बात का वो फायदा उठाते हैं और मौका मिलते ही लाडले को निशाना बना सकते हैं।

-चाइल्ड अब्यूजर आपके बच्चे के साथ ज्यादा घुलने मिले की कोशिश करेगा। मोबाइल में फोटो ज्यादा खीचेंगा। आपके सामने ज्यादा प्यार दिखाएगा। स्टडी में सामने आई है कि चाइल्ड अब्यूजर अकेले होते ही बच्चे के करीब जाने का मौका तलाशते रहते हैं। माता-पिता को इन लक्षणों पर गौर करना चाहिए और तुरंत ऐसे लोगों से बच्चों को दूर कर देना चाहिए।

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चाइल्ड अब्यूजर कैसे बच्चे के पहुंचता है करीब

-चाइल्ड अब्यूजर धीरे-धीरे बच्चे के करीब पहुंचने की कोशिश करता है।

-पहले प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरेगा, फिर गाल टच करेगा। अगर बच्चा रिएक्ट नहीं करता तो वो आगे बढ़ता है।

-बच्चे को किस करेगा, फिर गंदी-गंदी बात बोलेगा। अगर बच्चा रिएक्शन नहीं देता है तो फिर आगे बढ़ेगा।

-बच्चे के प्राइवेट पार्ट्स को टच करेगा और देखेंगा कि वो रो तो नहीं रहा है ना।

-अगर बच्चा विरोध करता है या रोने लगता है तो फिर चाइल्ड अब्यूजर रुक जाएगा।

-अगर बच्चा डर गया और कुछ नहीं बोल पाता है तो चाइल्ड अब्यूजर आगे बढ़ सकता है।

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