
How can parents help children with reading: छोटे-छोटे बच्चे जब पढ़ाई की दुनिया में कदम रखते हैं, तो उनका सपोर्ट सिस्टम उनके पैरेंट्स बनते हैं। शुरुआती एजुकेशन में पढ़ना और सीखना (Reading) सबसे अहम होता है। टीचर के साथ-साथ पैरेंट्स या घर में मौजूद सदस्य बच्चों को रीडिंग में मदद कर सकते हैं। बच्चे को कैसे पढ़ना जल्दी सिखा सकते हैं, आइए जानते हैं।
सबसे पहले जान लें कि बच्चे को किताब दिखाना उसके लिए कहानियों और तस्वीरों की दुनिया से परिचय कराने जैसा है। यह काम जितनी जल्दी शुरू करें उतना अच्छा है। लेकिन अगर देर से शुरू कर रहे हैं, तो भी कोई दिक्कत नहीं। बच्चे को पढ़ने की आदत डालने के लिए आपकी कोशिशें किसी भी उम्र में फायदेमंद होंगी।
इस उम्र में बच्चे फॉनिक्स (अक्षर और ध्वनि को जोड़कर शब्द पढ़ना) सीखते हैं। आप भी स्कूल से जानकारी लेकर फॉनिक्स सिस्टम को समझें। बच्चे को रोज किताब पढ़कर सुनाएं। इससे बच्चे के ब्रेन में यह सिग्नल जाएगा कि अच्छा पढ़ना कैसा होता है। हर रोज बच्चे के साथ ये 6 काम करें-
सबसे जरूरी है कि इसे खेल और मजे की तरह पेश करें, ताकि बच्चा और पढ़ने की इच्छा रखे। अगर बच्चा पढ़ने से मना करें तो जबरदस्ती बिल्कुल ना करें।
कई बच्चे फॉनिक्स समझ लेते हैं, लेकिन उन्हें फ्लुएंट यानी धाराप्रवाह पढ़ने में समय लगता है। आप इन तरीकों से उनकी मदद कर सकते हैं:-
इन तरीकों से बच्चे की गति, लय और आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही, वह कहानी को बेहतर समझ पाता है और पढ़ने में मजा आने लगता है।
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पढ़ने की नींव पहले से भी रखी जा सकती है। छोटे बच्चों के लिए ये मजेदार तरीके आजमाएं-
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