
Relationship Tips: आजकल रिश्ते ऐसे हो गए हैं कि लोग रिलेशनशिप में रहना तो चाहते हैं, लेकिन दिखना नहीं चाहते। ऐसे रिश्ते में लोग हाथ थामना तो चाहते हैं लेकिन साथ बैठना नहीं चाहते। आजकल के रिश्ते ऐसे हैं कि आपको अपनाना भी नहीं पड़ता और पराया भी नहीं करना पड़ता, ये एक तरह से सिचुएशनशिप पर आधारित रिश्ते हैं, लेकिन अगर रिश्ता है तो उसे अच्छे से निभाना चाहिए। रिश्ते सिचुएशनशिप पर नहीं चलते। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
सिचुएशनशिप एक ऐसा रिश्ता है जिसमें दो लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। वे शारीरिक-भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं लेकिन उनके रिश्ते की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं होती। जैसे बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, पार्टनर या कमिटेड कपल। वे सिचुएशन के हिसाब से अपने रिश्ते में बदलाव करते हैं।
जब लोग अपने रिश्ते के लिए तैयार नहीं होते, तो वे सिचुएशनशिप में होते हैं। प्रतिबद्धता से डरने वाले लोग अक्सर सिचुएशनशिप के बारे में सोचते हैं। ब्रेकअप के बाद लोग अपना अकेलापन भरने के लिए सिचुएशनशिप का सहारा लेते हैं। वे सिर्फ समय बिताने और साथ के लिए सिचुएशनशिप करते हैं। उनमें से एक के पास भावनाएं होती हैं, जबकि दूसरे के पास नहीं।
सिचुएशनशिप में भावनात्मक अशांति होती है, स्पष्टता की कमी होती है। अक्सर उलझन होती है। एकतरफा उम्मीदें होती हैं और ऐसे रिश्ते से आगे बढ़ना भी मुश्किल होता है।