
Helicopter Parenting Disadvantages| क्या आपको पता है कि Helicopter Parenting क्या है, यदि नहीं तो आपको बता दें कि आज के दौर में माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर इतने चिंतित रहते हैं कि वे हर छोटी-बड़ी चीज़ में दखल देने लगते हैं। बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखना, उनके फैसले खुद लेना और उन्हें हर मुसीबत से बचाने की कोशिश करना ह Helicopter Parenting कहलाता है। लेकिन क्या हर वक्त बच्चों के पीछे रहना सही है? आइए, जानते हैं इसके नुकसान।
अगर माता-पिता हर छोटी चीज़ में दखल देते हैं, तो बच्चे खुद फैसले लेना नहीं सीखते। इससे वे आत्मनिर्भर नहीं बन पाते और हमेशा किसी पर निर्भर रहने की आदत डाल लेते हैं।
हर काम में माता-पिता की राय या मदद लेने से बच्चे अपने निर्णयों पर भरोसा करना बंद कर देते हैं। वे हर बात में संकोच करने लगते हैं और उनका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है।
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जब माता-पिता हर मुश्किल हल कर देते हैं, तो बच्चों को यह समझ नहीं आता कि चुनौतियों से खुद कैसे निपटा जाए। इससे वे भविष्य में समस्याओं का सामना करने से डरने लगते हैं।
Helicopter Parenting के कारण बच्चे हर चीज़ में परफेक्ट बनने का दबाव महसूस करने लगते हैं। यह दबाव उनकी मानसिक सेहत पर असर डालता है और उन्हें चिंता या डिप्रेशन का शिकार बना सकता है।
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बच्चों को हर समय नियंत्रित करना उन्हें चिढ़ाने लगता है। वे खुद को कैद महसूस करते हैं और माता-पिता से दूरी बनाने लगते हैं। इससे माता-पिता और बच्चों के बीच रिश्ता कमजोर हो सकता है।