इंसानी खोपड़ी के सूप पीने का था शौकिन, घर में सजा रखी थी 14 खोपड़ियां, ऐसे हुआ खुलासा

Published : May 21, 2025, 08:42 PM IST
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सार

Crime News: राजा कलंदर, एक ऐसा नाम जिसने खौफ की दहशत फैला दी थी। इंसानी खोपड़ियों से सूप पीने वाला ये दरिंदा आखिर कौन था? 25 साल बाद आखिरकार न्याय का समय आ गया है।

Serial Killer: आपने हत्यारों के बारे में तो बहुत सुना होगा, लेकिन क्या आपने ऐसे हत्यारे के बारे में सुना है जो इंसानी खोपड़ियों से बना सूप पीता हो? जी हां, हम बात कर रहे हैं राजा कलंदर की, नाम तो सुना ही होगा? अगर नहीं, तो अब जान लीजिए। 

राजा कलंदर, जिसे लोग 'नरभक्षी', 'सीरियल किलर' और 'खोपड़ी संग्रहकर्ता' के नाम से जानते हैं। एक ऐसा दरिंदा जो अपने शिकार का सिर काटकर उसका दिमाग निकालकर सूप बनाता और फिर बैठकर उस सूप को बड़े चाव से पीता। एक समय था जब राजा नैनी स्थित केंद्रीय आयुध भंडार (सीओडी) छिवकी में एक सामान्य कर्मचारी था। लेकिन उसके अंदर छिपा राक्षसी स्वभाव आपकी और हमारी कल्पना से परे था। आइए आपको बताते हैं इस खौफनाक दरिंदे के बारे में।

झकझोर देगी पूरी वारदात

जंगल में मिली लाशें 24 जनवरी 2000 को मनोज कुमार और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव लखनऊ से रीवा के लिए निकले थे। उन्होंने चारबाग स्टेशन के पास से छह लोगों को उठाया, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। इसके बाद उनकी आखिरी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में मिली, जहां उन्हें एक चाय की दुकान पर देखा गया था। फिर दोनों अचानक गायब हो गए। तीन दिन की बेचैनी के बाद जब कोई खबर नहीं मिली तो मनोज के पिता शिव हर्ष सिंह ने नाका थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भी काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। लेकिन कुछ हफ्तों बाद शंकरगढ़ के घने जंगलों में दो लाशें मिलीं, जो मनोज और रवि की थीं। वह दिमाग से सूप बनाकर पीता था जांच के दौरान पुलिस ने राजा कलंदर और उसके साले को गिरफ्तार किया। पूछताछ में जो सामने आया उसने सबको झकझोर कर रख दिया। राजा कलंदर न सिर्फ इन हत्याओं का दोषी था, बल्कि उसने पत्रकार धीरेंद्र सिंह की भी हत्या की थी। पुलिस ने उसके फार्म हाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद की थीं। वह कहते थे कि इन खोपड़ियों में शक्तियां हैं। सबसे भयावह खुलासा तब हुआ जब पता चला कि राजा नरभक्षी था। वह मरे हुए लोगों के सिर काटकर उनके दिमाग से सूप बनाकर पी जाता था।

अब 25 साल बाद आया न्याय का समय

2001 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के चलते सुनवाई 2013 में ही शुरू हो सकी और अब 25 साल बाद यानी 2025 में आखिरकार न्याय का समय आ गया है। जज रोहित सिंह ने सोमवार को राजा कलंदर और उसके साले को दोषी करार दिया और कहा कि सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा।

साल 2000 में लखनऊ से शुरू हुई यह खौफनाक कहानी अब 25 साल बाद अपने अंजाम पर पहुंच गई है। राजा कलंदर और उसके साले वच्छराज कोल को लखनऊ कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिया है। अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने 12 गवाहों की गवाही के आधार पर साबित किया कि यह एक सुनियोजित हत्या थी, जिसमें अपहरण, डकैती और नृशंस हत्या शामिल थी।

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