
Brothers And Sisters Day 2025: हर परिवार में बच्चे का पहला दोस्त उसका भाई या बहन ही होता है। भाई-बहनों के बीच का रिश्ता थोड़ा खट्टा-मीठा होता है। दिनभर छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे से लड़ने वाले भाई-बहन जरूरत पड़ने पर सबसे पहले आपकी मदद के लिए खड़े होते हैं। वो दुनिया भर से आपके लिए लड़ते हैं और मम्मी-पापा की डांट से भी आपको बचाते हैं। जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं, उनका रिश्ता भी मजबूत होता जाता है। लेकिन जब वो बड़े होकर अपना अलग परिवार बसा लेते हैं, तो उनके बीच दूरियां आने लगती हैं।
सब कुछ शेयर करने वाले भाई-बहन शादी के बाद एक-दूसरे से कुछ अलगाव महसूस कर सकते हैं। इसके पीछे कई भावनात्मक और व्यावहारिक कारण हो सकते हैं। अगर समय रहते इन कारणों को समझ लिया जाए, तो रिश्ते में बचपन जैसी नजदीकियां वापस लाई जा सकती हैं। इस साल भाई-बहन दिवस 2 मई 2025 को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर, जिन भाई-बहनों को लगता है कि शादी के बाद उनके भाई-बहनों के साथ उनके रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे, वे इसका कारण जान सकते हैं और रिश्ते को मजबूत बनाने के विकल्प तलाश सकते हैं।
शादी के बाद व्यक्ति की ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। जीवनसाथी, ससुराल, बच्चों और घर की देखभाल करना उनकी नई ज़िम्मेदारी के साथ-साथ प्राथमिकता भी बन जाती है। इसके कारण समय की कमी होती है और भाई-बहनों से संवाद कम हो जाता है।
शादी के बाद भाई-बहन न सिर्फ़ अलग-अलग घरों में रहने लगते हैं बल्कि कई बार अलग-अलग शहरों में भी रहने लगते हैं। दूरी और व्यस्तता के कारण धीरे-धीरे मुलाक़ातें और संवाद कम होने लगते हैं।
शादी के बाद हर व्यक्ति की लाइफ़स्टाइल और सोच बदल जाती है। लोग अपने पार्टनर के हिसाब से अपनी लाइफ़स्टाइल बदल लेते हैं, जिसके बारे में उनके भाई या बहन को पता नहीं होता। कई बार ये बदलाव भाई-बहनों के बीच असहजता या दूरियाँ पैदा कर सकते हैं।
कई बार छोटी-छोटी अनबन, बात न करने की आदत उनके बीच दूरियों की वजह बन जाती है। वहीं, समय के साथ-साथ रिश्तों में अहंकार भी आ जाता है कि मैं पहले क्यों फोन करूं। यह सोच भी दूरियां बढ़ाती है।
शादी के बाद कई बार ससुराल वालों और माता-पिता के बीच तुलना या अपेक्षाएं भी तनाव का कारण बनने लगता हैं, जिसका असर भाई-बहन के रिश्तों पर पड़ सकता है।
चाहे आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों, हफ़्ते में एक बार फोन या वीडियो कॉल ज़रूर करें। कई बार सिर्फ़ हाल-चाल पूछना ही रिश्ते को मज़बूत बनाए रखने के लिए काफ़ी होता है।
भाई-बहनों, उनके बच्चों की खुशियों, परेशानियों को जानने की कोशिश करें। इससे नज़दीकी का एहसास बना रहेगा।
त्योहार, जन्मदिन या छुट्टी के बहाने मिलें। समय-समय पर एक-दूसरे से मिलने और छोटे-मोटे पारिवारिक समारोह साथ मिलकर मनाने से बचपन के दिनों की यादें हमेशा ताज़ा रहती हैं।