
Arattupara View Point: जंगल, कोहरा और थोड़ी सी ट्रैकिंग, ये सब मिलकर साहसिक यात्रा को यादगार बना देते हैं। ऐसे कई पर्यटन स्थल केरल में हैं। तमाराशेरी घाट चढ़कर वायनाड आने वाले पर्यटकों के लिए आराट्टुपारा एक नया अनुभव लेकर तैयार है। यहाँ आपको शीर्ष पर मुकुट जैसी दिखने वाली मकुटप्पारा और पक्षी के आकार की पक्षीप्पारा देखने को मिलेगी।
वायनाड (Wayanad) में चिंगेरीमाला और कोलगप्पारा पहाड़ के बीच में आराट्टुपारा स्थित है। मकुटप्पारा देखने में ऐसा लगता है जैसे किसी भी पल नीचे गिर जाएगी। इसके ठीक नीचे पक्षी के आकार की पक्षीप्पारा है, जो "उड़ने के लिए तैयार" जैसी दिखती है। यहाँ गुफाएं भी हैं जो देखने लायक हैं।
कैसे पहुंचे यहां
कलपेट्टा-बाथेरी रास्ते पर 12 किलोमीटर की यात्रा करके मीनंगाडी 54 पहुंचें। यहां से अंबलवयल रास्ते पर चार किलोमीटर जाने पर कुम्बलेरी में आराट्टुपारा पहुंच सकते हैं। अगर मीनंगाडी से बस से आ रहे हैं तो एकेजी स्टॉप पर उतरें। यहां से 500 मीटर चलकर आराट्टुपारा के नीचे पहुंच सकते हैं। निजी वाहनों से पहाड़ी के पास तक जा सकते हैं।
20 मिनट की है पहाड़ी चढ़ाई
महिलाएं और बच्चे भी 20 मिनट में पहाड़ी पर चढ़ सकते हैं। ऊपर पहुंचने पर यहां का नज़ारा देखते ही बनता है। सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए कई लोग यहाँ आते हैं। यहां से करापुझा बांध, अंबुकुथी, कोलगप्पारा और फैंटम रॉक पहाड़ियों का नज़ारा भी देख सकते हैं।
एडक्कल गुफाएं करें एक्सप्लोर
इसके अलावा वायनाड में एडक्कल गुफाएं घूम सकते हैं। यह एतिहासिक स्थल है। इस गुफा के बारे में बोला जाता है कि यह नव पाषण युग से भी अधिक पुराना है। एडक्कल गुफा की चट्टानों पर नक्काशी आज भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सूचिपारा वॉटरफॉल
सूचिपारा वॉटरफॉल के भी जरूर मजे लें।वायनाड में इसे प्रहरी रॉक झरने के नाम से भी जाना जाता है। लगभग 200 मीटर ऊंची चट्टान से होते हुए नीचे गिरता है सूचिपारा वॉटरफॉल। कई सैलानी यहां तैराकी और नहाते भी हैं।