Lepakshi Mandir Mystery: हवा में लटकता है ये स्तंभ! लेपाक्षी मंदिर के रहस्य से आज भी वैज्ञानिक हैरान

Published : Jul 14, 2025, 02:56 PM IST
flying pillar mystery in lepakshi mandir

सार

आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर के हवा में लटके खंभे का रहस्य जानिए। विजयनगर साम्राज्य के इस मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और पौराणिक कथाओं के बारे में पढ़ें।

भारत जो मंदिरों का राज्य है, यहां नॉर्थ से साउथ और ईस्ट से वेस्ट तक, हर राज्य और शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के हर शहर और गांव में मंदिर है, ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जो अद्भुत, अविश्वनीय और अकल्पनीय है। क्या आपने ऐसे मंदिर का नाम सुना है या देखा है, जहां के खंबे हवा में लटक रहे हैं और मंदिर सालों से बिना हिले खड़ी है, जी हैं आज हम आप लेपाक्षी मंदिर के बारे में बताएंगे, जो दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के सत्यासाई जिले के लेपाक्षी गांव में स्थित है। लेपाक्षी मंदिर बेंगलुरु से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के दौरान हुआ था। इस लेख में हम आपको लेपाक्षी मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे...

लेपाक्षी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

लेपाक्षी मंदिर 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के दो भाइयों, वीरन्ना और विरुपन्ना ने बनवाया था।

मंदिर भगवान वीरभद्र ( भगगवान शिव के रौद्र रूप) को समर्पित है।

रामायण काल के दौरान इस स्थान पर जटायु ने रावण से सीतो मां को बचाते हुए आपनी जान दे दी थी, इसलिए इस जगह का नाम पड़ा- "ले पा क्षि", जिसका अर्थ है - "उठो पक्षी"।

कैसे हवा में लटक रहा है मंदिर का स्तंभ?

लेपाक्षी मंदिर के नृत्य मंडप में मौजूद 70 स्तंभों में से एक खंबा जमीन से करीब 1-2 सेंटीमीटर ऊपर लटका हुआ है।

इस मंदिर को हैंगिग पिलर या फ्लोटिंग पिलर कहा जाता है।

यह खंभा जहां एक तरफ से छत को सहारा दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका आधार जमीन को नहीं छू रहा है।

ब्रिटिश इंजीनियरों ने एक बार इसे समझने के लिए इसके नीचे से एक कपड़ा निकालने की कोशिश की, जो आसानी से आर पार हो गई। कपड़ा का आर पार हो जाना इस बात को प्रमाणित करता है कि खंबा जमीन से जुड़ा नहीं है।

वैज्ञानिक भी रह गए दंग

इस मंदिर के स्तंभ को एक इंजीनियरिंग मिरेकल माना जाता है।

आज भी इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के लिए यह स्तंभ एक आर्किटेक्चरल का रहस्य बना हुआ है कि उस जमाने में बिना मॉडर्न टेक्नोलॉजी के ऐसी संरचना या स्तंभ कैसे संभव हुई।

इस खंबे को लेकर कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्तंभ केंद्र संतुलन (Center of Gravity) और भारी छत के दबाव के कारण अपनी स्थिति में टिका है।

मंदिर तक कैसे पहुंचे

  • बाय रोड: बेंगलुरु से NH44 (हाईवे) के जरिए कार या बस से 3 घंटे में पहुंच सकते हैं।
  • बाय ट्रेन: नजदीकी रेलवे स्टेशन है Hindupur, जो लेपाक्षी से 15 किमी दूर है।
  • बाय एयर: निकटतम एयरपोर्ट है बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Kempegowda International Airport), जो 120 किमी दूर है।

ट्रेवल टिप्स:

  • मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। इस बीच आप भगवान वीरभद्र के दर्शन के लिए जा सकते हैं।
  • लेपाक्षी में ही विशाल नंदी बैल की मूर्ति, सुंदर भित्तिचित्र और शिल्पकला भी देखने को मिल जाएगी।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

2025 की सबसे हॉट ट्रैवल लिस्ट: ये 10 बजट ट्रिप हुईं धड़ाधड़ फुल बुक!
दिसंबर में Winter Photography के लिए 5 सबसे खूबसूरत जगहें?