
Khonoma Zero Crime Indian Village: क्या आपने ऐसे जगह के बारे में सुना है, जहां लोगों के घर और दुकानों में ताले नहीं लगते। बहुत से लोगों को लगेगा कि आज के बढ़ते क्राइम के इस दौर में ऐसा कोई नहीं होगा, जहां लोग अपने घर और दुकान में ताला न लगाएं। बता दें कि बढ़े हुए क्राइम के बाद भी भारत में एक गांव ऐसा है, जो अपनी ईमानदारी के लिए फेमस है। यह कोई कहानी नहीं बल्कि सच है नागालैंड का मशहूर खोनोमा गांव यहां के लोग अपने जीवन की नींव ईमानदारी और आपसी भरोसे पर टिकाए हुए हैं। यही वजह है कि इस गांव को अक्सर "भारत का पहला ग्रीन विलेज" और "नो लॉक विलेज" के नाम से फेमस है।
नागालैंड की राजधानी कोहिमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित खोनोमा गांव न सिर्फ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती बल्कि अपनी लाइफस्टाइल और परंपरा के लिए भी जाना जाता है। इस गांव में अंगामी जनजाति का बसेरा है, जो अपनी बहादुरी और संस्कृति के लिए मशहूर है।
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खोनोमा गांव में किसी भी घर या दुकान पर ताला लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। लोग बिना डरे अपनी दुकानें खुली छोड़कर चले जाते हैं और शाम को लौटने पर उन्हें सब कुछ वैसा ही है। यहां चोरी जैसी घटना लगभग ना के बराबर होती है। दरअसल, यहां बचपन से ही बच्चों को सच बोलना, ईमानदारी और दूसरों की चीजों का सम्मान करना सिखाया जाता है। यही संस्कार पीढ़ियों से लोगों के दिलों में है, इसलिए लोग चोरी-चकारी नहीं करते और गांव सुरक्षित रहता है।
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क्योंकि यहां लोग घर और दुकानें बिना ताले के रखते हैं और चोरी जैसी कोई घटना नहीं होती।
यह नागालैंड राज्य के कोहिमा जिले में स्थित है।
जी हां, खोनोमा भारत का पहला ग्रीन विलेज भी कहलाता है, यहां पर लोग प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए खास नियमों का पालन करते हैं।