
Rajasthan Banswara Travel Tips: जब भी राजस्थान का नाम आता है, दिमाग में रेत के टीले, धूप और थार का रेगिस्तान ही दिमाग में आता है। लेकिन राजस्थान का एक हिस्सा ऐसा भी है जो इस इमेजिनेशन को चेंज कर देता है, और वो हा बांसवाड़ा। ‘सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स’ और ‘ग्रीन गोल्ड ऑफ राजस्थान’ कहलाने वाला यह एक जगह अपनी हरियाली, झरने, बांधों और बादलों से ढके पहाड़ों से आपको ऐसा व्यू देता है कि आपको लगेगा कि आप किसी नॉर्थ-ईस्ट या साउथ इंडिया की वादियों में हों। यहां की नेचुरल खूबसूरती इतनी शानदार है कि पहली नजर में कोई सोच भी नहीं सकता कि ये राजस्थान है।
अरावली की गोद में बसा बांसवाड़ा मानसून आते ही गहरे हरे रंग में रंग जाता है। यहां फैले बांस के घने जंगलों ने ही इसे ‘बांसवाड़ा’ नाम दिया। बारिश के दिनों में बादल पहाड़ियों पर ऐसे टिक जाते हैं कि पूरा इलाका धुंध और हरियाली की चादर में लिपट जाता है। चारों तरफ बहती ठंडी हवाएं, छोटे-छोटे झरने और बहती नदियां इसे राजस्थान का सबसे खूबसूरत ग्रीन पैराडाइज बना देती हैं।
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बांसवाड़ा में घूमते वक्त आपको हर कुछ किलोमीटर पर कोई न कोई सुंदर बांध, शांत झील या बहता हुआ झरना दिख जाता है। मानसून में माही नदी और उसके किनारे बने कई डैम फुल फ्लो में आते हैं, जिनकी आवाज और व्यू मन को मोह लेगी। नेचुरल वाटर फॉल्स की भरमार इस जिले को और भी अनोखा बनाती है। यहां की नदियों और तालाबों के किनारे बैठकर सूरज ढलते देखना किसी थेरेपी से कम नहीं लगता।
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बांसवाड़ा सिर्फ प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग नहीं है, बल्कि आदिवासी संस्कृति को करीब से महसूस करने का भी शानदार मौका है। यहां की भील जनजाति, उनके पारंपरिक नृत्य, रंगीन पोशाकें और लोकगीत आपके सफर को और भी यादगार बना देते हैं। स्थानीय बाजारों में मिलने वाले हस्तशिल्प और बांस से बने सामान इस जगह की पहचान को और मजबूत करते हैं।
अगर आप राजस्थान में ऐसा डेस्टिनेशन ढूंढ रहे हैं जो भीड़ से दूर हो, जहां नेचर अपना असली रूप दिखाती हो और जहां हरियाली आपको राहत दे, तो बांसवाड़ा बिल्कुल सही ऑप्शन है। यह जगह ये प्रूफ करती है कि राजस्थान सिर्फ रेगिस्तान नहीं, बल्कि हरियाली का भी गढ़ है।