एक मां के दुख से हुआ था Nohkalikai Falls नामकरण, जानें क्या है दर्दभरी कहानी

Published : Aug 12, 2025, 09:50 PM IST
nohkalikai waterfall

सार

Nohkalikai waterfall: क्या आप सोच सकते हैं कि किसी खूबसूरत वाटरफॉल के नाम के पीछे की कहानी एक मां के दुख और अपनी बच्ची के मौत से जुड़ी हो सकती है? यदि नहीं तो आज हम आपके साथ ऐसे ही वाटरफॉल की कहानी बताएंगे, जो एक मां की दर्दभरी कहानी है।

मेघालय के चेरापूंजी में स्थित Nohkalikai Falls भारत के सबसे ऊंचे और खूबसूरत वाटरफॉल में से एक है। लगभग 340 मीटर (1,115 फीट) की ऊंचाई से गिरता यह झरना देखने में जितना भव्य और बेहद खूबसूरत लगता है। ये वाटरफाल दिखने में जितना खूबसूरत इसकी नामकरण कहानी उतनी ही दर्द भरी और भावुक है। भारत के सबसे ऊंचे वाटरफॉल "Nohkalikai" नाम खासी भाषा से आया है, जिसका मतलब है "Ka Likai की छलांग"। इस वाटर फाल के नाम के पीछे एक मां के प्रेम, धोखे और त्रासदी से जुड़ी दास्तां छिपी है। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है Nohkalikai Falls के नामकरण की कहानी?

 

कहा जाता है कि Ka Likai नाम की एक महिला चेरापूंजी के पास रहती थी। वह एक मेहनती और अकेली (विधवा) मां थी, जिसके पति की मौत हो चुकी थी। अपनी नन्ही बच्ची का पालन-पोषण करने के लिए वह दिनभर मेहनत करती थी और अपनी बेटी के लालन-पालन के लिए जी रही थी। कुछ समय बाद Ka Likai ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन उसके नए पति को अपनी सौतेली बेटी बिल्कुल पसंद नहीं थी। पति को लगता था कि Ka Likai का सारा समय और प्यार सिर्फ बेटी को ही मिलता है, उन्हें नहीं।

Why is the waterfall called the jump of Likai: एक दिन जब Ka Likai काम पर बाहर गई हुई थी, पति ने जलन और नफरत में आकर बच्ची की हत्या कर दी और उसका मांस पका कर घर में रख दिया। काम से लौटने पर Ka Likai ने बिना शक किए खाना खा लिया, क्योंकि वह बहुत थकी हुई थी। खाना खाते वक्त उसे मांस का स्वाद थोड़ा अजीब लगा, लेकिन थकान के कारण वह उसे खा ली। खाना खत्म करने के बाद उसने घर में बच्ची के खिलौने देखे, लेकिन बच्ची खुद कहीं नजर नहीं आई। घर के आस-पास अपनी बेटी को ढूंढते हुए उसे अपनी बेटी के उंगलियों के हड्डी मिले। जिसे देख उसे सारी हकीकत पता चला और उसका दिल टूट गया। गहरे दुख और सदमे में, वह पास के एक ऊंचे झरने पर गई और वहीं से छलांग लगा दी। Ka Likai के मरने के बाद इस वाटरफॉल का नाम Nohkalikai Falls रखा गया।

नामकरण का क्या है अर्थ?

खासी भाषा में

"Noh" = छलांग लगाना

"Ka Likai" = महिला का नाम

इस तरह इस झरने का नाम पड़ा "Nohkalikai"-"Ka Likai की छलांग"।

Nohkalikai Falls के बारे में

आज यह झरना न सिर्फ एक पर्यटक आकर्षण है, बल्कि एक दर्द भरी प्रेम और खोने की कहानी का प्रतीक भी है। यहां का पानी सर्दियों में हरा-नीला और बरसात में प्रचंड धारा के साथ गिरता है, जो इसे हर मौसम में अद्भुत बनाता है। अब की बार मेघालय जाएं, तो यहां जाकर इस वाटरफॉल को जरूर देख आएं।

 

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