हमीदिया हादसा: जन्म के 12वें दिन मासूम की मौत, पिता बेटे की तस्वीर देख बिलख रहा..मां गोद में भी नहीं उठा पाई

परिवार ने अपने इस फूल से प्यारे बच्चे का नाम परिवार ने समद रखा था। समद का हिंदी में अर्थ अमर होता है। लेकिन वह 12वें दिन ही दुनिया को छोड़ गया। जिस मां ने 9 महीने तक कोख में रखा, जन्म के बाद उसे गोद में भी नहीं उठा पाई और उसकी सांसे थम गईं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2021 11:18 AM IST / Updated: Nov 09 2021, 04:55 PM IST

भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की कमला नेहरू अस्पताल में सोमवार रात आग लग गई। जिसमें  7 नवजात बच्चों की मौत हो गई। बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के 15 घंटे होने के बाद भी माएं बिलख रही हैं। जिस संतान को उन्होंने 9 महीने तक कोख में रखा, असहनीय पीड़ सहकर बच्चे के जन्म दिया और कुछ लोगों की लापरवाही ने उनकी गोद उजाड़ दी। इन्हीं में से एक हैं पुराने भोपाल की रहने वाली शाजमा जो अपने जिगर के टुकड़े को चेहरा भी नहीं देख पाई और उसकी मौत हो गई।

मासूम के नाम था अमर..लेकिन 11 दिन में ही मौत
दरअसल, भोपाल के जिंसी इलाके में रहने वाली शाजमा ने 11 दिन पहले सुल्तानिया लेडी जनाना अस्पताल में जन्म दिया था। ऑपरेशन से डिलीवरी के चलते मासूम की हालत ठीक नहीं थी। जिसके चलते उसे हमीदिया के कैंपस कमला नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था। लेकिन उन्हें क्या पता था कि अब वह उसे गोद में नहीं उठा पाएंगे। परिवार ने अपने इस फूल से प्यारे बच्चे का नाम परिवार ने समद रखा था। समद का हिंदी में अर्थ अमर होता है। लेकिन वह 12वें दिन ही दुनिया को छोड़ गया।

मां और दादी पूरी रात भटकती रहीं
बता दें कि जैसे ही परिजनों को आग लगने की खबर मिली तो वह मासूम को अस्पताल के कमरों में तलाशते रहे। मासूम की दादी बेबी खान अपने पोते का चेहरा देखने के लिए पूरी रात इधर से उधर भटकती रही। लेकिन वह उसे देख नहीं सकी। वहीं मां शाजमा भी खबर लगते ही चीख-पुकार करती रही। चाह कर भी अपने जिगर के टुकड़े को गोद में ऩहीं उठा सकी। जब उसके सामने बेटा आया तो उसकी सांसे थम चुकी थीं। जब पता चला कि बच्चा  मॉर्च्यूरी में हा तो वह वह बाहर बदहवास हो गई।

पिता बेटे की तस्वीर देख बिलख रहा
 शाजमा कुरैशी  की शादी डेढ़ साल पहले भोपाल के ही रईस कुरैशी के साथ हुई थी। बेटा के जन्म होने के बाद पूरा परिवार बेहद खुश था, लेकिन इस हादसे ने जो जख्म दिया वह जिंदगीभर नहीं भर सकेगा। मासूम बच्चे की तस्वीर पिता ने अपने मोबाइल में कैद कर ली थी। अब वही देख-देखकर सभी बिलख रहे हैं। जो कोई भी मासूम का चेहरा देख रहा है उसकी आखें नम हैं।

यह भी पढ़ें-भोपाल के अस्पताल में मासूमों की मौत: किसी मां ने नवजात को देखा तक नहीं, कोई सलामती की दुआ मांग रहा

यह भी पढ़ें-भोपाल के अस्पताल में आग: सामने आईं भयावह तस्वीरें, मंजर इतना दर्दनाक कि चीखते रहे बच्चे, कोई बचा नहीं सका

Share this article
click me!