मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर 5 महीने पहले दिए बयान दोहराया है। इस बयान को देने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या जल्द ही बदलने वाली है सीएम की भूमिका।
भोपाल (bhopal). मध्य प्रदेश के सुप्रीमों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस समय नई दिल्ली में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने पहुंचे हैं। इस दौरान मीडिया ने उनसे आगामी भविष्य की भूमिका पर सवाल किया। इस पर शिवराज ने सोमवार को वही बयान दोहराया है, जो पांच महीने पहले दिया था। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मैं अपने लिए कोई भूमिका तय नहीं कर सकता। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यही सवाल उठ रहे कि क्या उनकी भूमिका जल्द बदलने वाली है?
यह कहा सीएम ने अपने भविष्य के बारे में
मीडियो को बयान देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान के कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व कहेगा तो मैं दरी बिछाने के लिए लिए भी तैयार हूं। उन्होंने आगे कहा कि एक अच्छा कार्यकर्ता पार्टी के आदेश को मानता है, वह अपने बारे में खुद फैसले नहीं लेता। पार्टी को पता है कि किस कार्यकर्ता से क्या काम लेना है। इसके बाद मध्य प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक चर्चा गर्म हो गई कि क्या प्रदेश नेतृत्व में जल्द ही कोई बड़ा बदलाव होने जा रहा है?
आगामी विधान सभा चुनावों को लेकर हुई बैठक
दरअसल साल 2023 देश के 9 राज्यो में विधान सभा चुनाव होने है। जिसके लिए भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मंत्रणा शुरू कर दी और नई दिल्ली में बैठक का आयोजन किया। प्रदेश सीएम भी मंगलवार तक चलने वाली इस मीटिंग में शामिल होने के लिए आए हुए है। दरअसल मध्य प्रदेश, छ्त्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलगांना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में साल 2023 में विधान सभा चुनाव होने है।
गुजरात मॉडल फॉलो होने के आसार
हाल ही गुजरात में विधानसभा चुनाव होने से पहले वहां के सीएम विजय रूपाणी को पद से हटा कर पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को सीएम पद दे दिया गया था। ऐसे में मध्य प्रदेश के भाजपा विधायकों के लिए गुजरात मॉडल चिंता का विषय बना हुआ है। इस बीच सीएम शिवराज सिंह के ऐसे बयान कहीं इसी और तो इशारा नहीं कर रहे है, क्योंकि प्रदेश में पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री का चेहरा बदने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी।
संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर भी दिया था यहीं बयान
इससे पहले भी सीएम शिवराज सिंह ने यही बयान भाजपा की संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन में बाहर करने के बाद दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिझाने का काम देगी तो राष्ट्र के हित के लिए वह भी करूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वकांक्षा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा की पार्टी कहेगी की भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा यदि पार्टी कहेगी की जैत में रहो तो वहां रहूंगा।
जानकारी हो कि इन राज्यों में चुनाव होने के साथ ही जम्मू- कश्मीर में भी चुनाव होने के आसार है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पार्टी इन राज्यों में राजनीतिक के साथ संगठन स्तर पर बदलाव की चर्चा भी कर सकती है।