मां की गोद से फिसलकर सीधे तालाब में जा गिरा 3 साल का बच्चा, लेकिन मौत कुछ न बिगाड़ सकी

Published : Jun 28, 2020, 11:11 AM IST
मां की गोद से फिसलकर सीधे तालाब में जा गिरा 3 साल का बच्चा, लेकिन मौत कुछ न बिगाड़ सकी

सार

कहते हैं कि 'जाको राखे साइयां, मार सके न काये!' जिसकी जितनी जिंदगी लिखी है, वो पूरी करेगा। मौत के मुंह में जाकर भी वो सुरक्षित रहेगा। मां की गोद में दिखाई दे रहे इस 3 साल के बच्चे ने यही साबित किया। मौसम खुशनुमा होने पर उसकी मां तालाब घुमाने आई थी। वो रैलिंग के करीब खड़ी थी, तभी बच्चा गोद से फिसलकर 20 फीट गहरे तालाब में गिर पड़ा। लेकिन वहां मौजूद एक आइसक्रीमवाले की बहादुरी के चलते बच्चा सुरक्षित निकाल लिया गया।

भोपाल, मध्य प्रदेश. यह घटना चौंकाती है। मासूम बच्चों को लेकर हमेशा अलर्ट रहना चाहिए। जब किसी तालाब..ऊंचाई या ऐसी जगहों पर खड़े हैं, जो खतरनाक साबित हो सकती हैं, वहां से बच्चों को दूर रखें। क्योंकि इस घटना में तालाब में गिरा बच्चा बच गया, लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार ऐसा चमत्कार हो जाए। खैर, कहते हैं कि 'जाको राखे साइयां, मार सके न काये!' जिसकी जितनी जिंदगी लिखी है, वो पूरी करेगा। मौत के मुंह में जाकर भी वो सुरक्षित रहेगा। मां की गोद में दिखाई दे रहे इस 3 साल के बच्चे ने यही साबित किया। मौसम खुशनुमा होने पर उसकी मां तालाब घुमाने आई थी। वो रैलिंग के करीब खड़ी थी, तभी बच्चा गोद से फिसलकर 20 फीट गहरे तालाब में गिर पड़ा। लेकिन वहां मौजूद एक आइसक्रीमवाले की बहादुरी के चलते बच्चा सुरक्षित निकाल लिया गया।


मां का कलेजा फट पड़ा..
काजी कैंप में रहने वाले इरशाद अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे अलबसर के साथ बड़ा तालाब घूमने निकले थे। मौसम खुशनुमा होने से तालाब किनारे बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। मां बच्चे को गोद में लिए तालाब की रैलिंग के पास खड़ी थी। अचानक बच्चा उसकी गोद से फिसलकर सीधे तालाब में जा गिरा। उस जगह पर करीब 20 फीट पानी है। बच्चे को तालाब में गिरा देखकर मां का कलेजा फट पड़ा। दम्पती जोर-जोर से चीखने लगा। यह आवाज समीप ठेला लेकर खड़े एक आइसक्रीवाले हरिओम वर्मा के कानों तक पहुंचीं। उन्होंने बिना विलंब किए तालाब में छलांग मार दी। उन्होंने बच्चे को डूबने से पहले ही पकड़ लिया। इस  बीच वहां मौजूद गोताखोर बोट लेकर वहां पहुंच गए। बच्चा बेहोश हो गया था। लेकिन जैसे ही बोट पर लिटाने के बाद उसका पेट दबाकर पानी निकाला..उसने आंखें खोल दीं। सूचना मिलने पर डायल 100 भी मौके पर पहुंची और बच्चे को चेकअप के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया।
 

मैंने बच्चे की जान बचा ली..इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है..
बच्चे की जान बची देखकर हरिओम ने कहा कि उनके लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि वो सुरक्षित है। अपने बेटे को जिंदा देखकर मां-बाप की आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे थे।

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