छतरपुर. गरीब परिवारों पर लॉकडाउन की भारी मार देखने को मिल रही है। जो लोग दिहाड़ी की कमाई पर निर्भर हैं, उनका बुरा हाल हो गया है। मध्य प्रदेश से ऐसी एक दुख तस्वीर देखने को मिली है।
छतरपुर. गरीब परिवारों पर लॉकडाउन की भारी मार देखने को मिल रही है। जो लोग दिहाड़ी की कमाई पर निर्भर हैं, उनका बुरा हाल हो गया है। मध्य प्रदेश से ऐसी एक दुख तस्वीर देखने को मिली है।
बेटी के अंतिम संस्कार के लिए नहीं बचे थे पैसे
दरअसल, दिल को झकझोर देने वाली यह तस्वीर छतरपुर की है। जहां एक मां के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपनी बेटी का अंतिम संस्कार भी कर सके। आखिर में निगम के कर्मचारियों और समाज लोगों ने चंदा करके महिला की मदद की। तब कहीं जाकर लड़की का क्रिया-कर्म हो सका।
मां के बाहर जाते ही बेटी ने लगा ली फांसी
जानकारी के मुताबिक, छतरपुर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग लड़की ने किसी कारणों से अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिस वक्त यह घटना घटी, उस दौरान 50 वर्षीय विधवा मां लखनबाई कुशवाहा अपनी दो बेटियों के साथ जंगल में लकड़ियां बीनने के लिए गई हुई थी। जब उसने वापस आकर देखा तो बच्ची फंदे पर लटक रही थी।
मजदूरी करके कर रही बच्चों की परवरिश
लखनबाई अपने घर में अकेली कमाने वाली है। वह मजदूरी करके बच्चों को पढ़ा-लिखा और पालन पोषण कर रही है। लेकिन, लॉकडाउन के बाद उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपनी बेटी का क्रिया-कर्म कर सके। जो जमा पूंजी थी, वह राशन में खर्च हो गई। इसके बाद उसने अपने आसपास में रहने वालों से मदद मांगी। उसकी मजबूरी देख पड़ोसियों ने चंदा कर पैसे जमा किए और बेटी का अंतिम संस्कार करवाया।