यह था सुषमा स्वराज का दूसरा घर, उनसे जुड़ी यादों को शेयर कर रो पड़े लोग

Published : Aug 07, 2019, 11:24 AM ISTUpdated : Aug 07, 2019, 11:35 AM IST
यह था सुषमा स्वराज  का दूसरा घर, उनसे जुड़ी यादों को शेयर कर रो पड़े लोग

सार

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से लोग स्तब्ध हैं। उनसे जुड़ी यादें शेयर करते हुए लोगों की आंखें छलक पड़ती हैं। उल्लेखनीय है कि सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद रही थीं। हालांकि इस बार उन्होंने खराब तबीयत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

भोपाल. सुषमा स्वराज एक ऐसी राजनेताओं में शुमार थीं, जो हर  छोटे-बड़े कार्यकर्ता को उसे नाम से पुकारती थीं। इतनी घनिष्ठता, इतना प्रेम शायद ही कोई दूसरा सांसद अपनी जनता और कार्यकर्ताओं से करता होगा। सुषमा स्वराज 2009 और 2014 में दो बार विदिशा से सांसद रहीं। हालांकि पिछले चुनाव खराब तबीयत का हवाला देकर लड़ने से मना कर दिया था। विदिशा से उनकी कई गहरी यादें जुड़ी हुई हैं।

विदिशा था दूसरा घर


पूर्व विधायक रामकृष्ण चौहान बताते हैं कि सुषमा स्वराज विदिशा की पहचान बन गई थीं। सुषमा स्वराज अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर हमेशा सजग-सतर्क रहती थीं। वे लगातार फीडबैक लेती रहती थीं। चौहान भोजपुर विधानसभा से विधायक रहे हैं। सुषमा बीमारी से पहले करीब हर महीने विदिशा आती थीं। लोगों से मिलती  थीं। उनकी समस्याएं सुनती थीं और फौरन उनके निराकरण की कोशिश करती थीं। सुषमा स्वराज जनकल्याणी योजनाओं को लेकर हमेशा गंभीर रहीं। उन्होंने रायसेन में प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क बनवाया। तामोट स्थित इस प्लांट से कई लोगों को रोजगार मिला। अंतिम बार वे फरवरी में विदिशा आई थीं। तब उन्होंने 15 करोड़ रुपए की लागत से बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया था।

दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वे 67 साल की थीं। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। निधन से कुछ वक्त पहले उन्होंने धारा 370 को लेकर ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। 

दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं सुषमा
सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। तब वे 25 साल की थीं। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। वे हरियाणा सरकार में मंत्री भी बनीं। इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं।

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

अंकल ने क्यों नहीं पहना Helmet ? वजह वायरल-पुलिस की अपील सुन कंपनी ने दिया ऑफर
जिस मंदिर के गर्भगृह में एंट्री है बैन, विधायक के बेटे ने वहां की 'दूसरी' शादी