
हरदा. इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे के काम में लेटलतीफी के चलते किसान परेशान हैं। दरअसल, इस हाईवे के लिए हरदा के किसानों की जमीन का अधिगृहण किया गया है। लेकिन किसानों को जमीन अधिगृहण का मुआवजा नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि प्रशासन के खाते में अवार्ड राशि भी आ चुकी है। और आसपास यानी टिमरनी में किसानों को भुगतान भी किया जा चुका है। ऐसे में किसान इस पशोपेश में हैं कि वे फसल की बुवाई करें या नहीं।
रबी की फसल की बुवाई का सीजन चल रहा है। यहां के किसानों की जमीन को विभाग अधिगृहित कर चुका है। ऐसे में सवाल ये है कि ना तो किसान उस जमीन पर खेती कर पा रहे हैं और पैसे ना मिलने के चलते ना ही जमीन खरीद पर रहे हैं।
तो चार महीने करना पड़ेगा इंतजार
अगर प्रशासन भुगतान नहीं करता और किसानों ने बुवाई कर दी तो फोरलेन के निर्माण के लिए चार महीने इंतजार करना पड़ सकता है। छोटी हरदा, उड़ा समेत अन्य गावों के करीब 80 किसानों ने अपनी समस्या को बताते हुए एसडीएम, एनएचएआई को शिकायत कर 3 दिन में राशि का भुगतान करने की मांग की है। वहीं, हरदा एसडीएम ने भरोसा दिलाया है कि वे किसानों को परेशान नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि तहसीलदारों को किसानों के खाते की 15 दिन में फोटोकॉपी जमा करने के लिए कहा गया है, इसके बाद किसानों को भुगतान होना शुरू हो जाएगा।
टिमरनी में किसानों को किया गया भुगतान
जहां हरदा के किसान प्रशासन की लेटलतीफी से परेशान हो रहे हैं। वहीं, टिमरनी के 10 गांव तक 30 किमी में 383 किसानों की जमीन का भी अधिगृहण किया गया है। इनमें से 353 किसानों को 64 करोड़ 2 लाख 12268 रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। जो किसान रह गए हैं, उनमें कुछ कानूनी पेंच फंसे हैं।
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