उच्च न्यायालय ने 12 साल की लड़की को गर्भपात की अनुमति दी, पेट दर्द के बाद हुआ था प्रेगनेंसी का खुलासा

न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा कि पीड़िता महज 12 साल की है और नाबालिग है इसलिए वह यौन संबंध के लिए सहमति देने की स्थिति में नहीं थी। गर्भपात को इस रूप में मानना चाहिए कि यह गर्भ बलात्कार की वजह से था। आदेश में कहा गया है कि 19 सप्ताह और छह दिन का गर्भ गिराना गर्भपात के कानूनी दायरे में आता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2020 6:36 PM IST

जबलपुर. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 12 वर्षीय एक दुष्कर्म पीड़िता को 19 सप्ताह और छह दिन का गर्भपात कराने की इजाजत दे दी।
The Madhya Pradesh High Court allowed a 12-year-old rape victim to undergo an abortion of 19 weeks and six days.

नबालिक होने की वजह से कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति दी

न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा कि पीड़िता महज 12 साल की है और नाबालिग है इसलिए वह यौन संबंध के लिए सहमति देने की स्थिति में नहीं थी। गर्भपात को इस रूप में मानना चाहिए कि यह गर्भ बलात्कार की वजह से था। आदेश में कहा गया है कि 19 सप्ताह और छह दिन का गर्भ गिराना गर्भपात के कानूनी दायरे में आता है।

तीन डॉक्टोरों ने पहले पीड़िता की जांच की थी

जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पीड़िता की चिकित्सीय जांच की रिपोर्ट आने के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील बी एस ठाकुर ने कहा कि अदालत ने आदेश दिया है कि भ्रूण के डीएनए की जांच के लिए इसे फॉरेंसिक प्रयोगलाशाल में भेजा जाए।

पीड़िता की मां ने गर्भपात को लेकर याचिका दायर की थी

लड़की के गर्भवती होने का खुलासा उस समय हुआ था जब उसने पेट में दर्द की शिकायत की थी और उसके घरवाले उसे डॉक्टर के पास ले गए थे। इसके बाद लड़की के अभिभावकों ने अज्ञात बलात्कारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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