फूड डिलिवरी बॉय की इमोशनल कहानी सुन पसीजा इंदौर पुलिस का दिल, अपनी सैलरी से दिला दी नई बाइक

Published : May 02, 2022, 06:54 PM IST
फूड डिलिवरी बॉय की इमोशनल कहानी सुन पसीजा इंदौर पुलिस का दिल, अपनी सैलरी से दिला दी नई बाइक

सार

इंदौर पुलिस ने मानवता की शानदार मिशाल पेश की है। उन्होंने जब भीषण गर्मी में एक फूड डिलीवरी बॉय को साइकिल से खाना सप्लाई करते देखा तो खाकी वर्दी वालों का दिल पसीज गया। उन्होंने अपनी सैलरी से पैसा जुटाकर उसे नई बाइक दिलवा दी।

इंदौर (मध्य प्रदेश). अभी तक आपने पुलिस को सिर्फ रिश्वत लेते और लोगों को गिरफ्तार करते सुना और देखा होगा। लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर पुलिस ने अब जो मिसाल पेश की वह दिल छू जाने वाली है। जब खाकी वर्दी वालों ने जैसे ही भीषण गर्मी में एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के कर्मचारी को साइकिल से घर-घर जाकर खाना सप्लाई करते देखा तो उनका दिल पसीज गया। उन्होंने मिलकर उसकी मदद करते हुए एक नई बाइक दिलवाई। सोशल मीडिया पर लोग पुलिस की इस पहल को सैल्यूट कर तारीफ कर रहे हैं।

फूड डिलीवरी बॉय की हालत देख पसीजा दिल
दरअसल, यह शानदार मिसाल इंदौर के विजय नगर थाने पुलिस ने पेश की है। यहां के टीआई तहजीब काजी ने बताया कि वह कुछ दिन पहले गश्त पर निकले थे, तभी मैंने एक फूड डिलीवरी बॉय को साइकिल से खना सप्लाई करते देखा। तो मैंने उसे रोका और कहने लगा सर जाने दो मुझे अभी बहुत जगह खाना सप्लाई करने जाना है। बस इसी दौरान टीआई ने सोच लिया कि वह उसकी मदद करेंगे।

पुलिसवालों ने अपनी सैलरी से दिला दी बाइक
अगले दिन थानेदार साहब ने यह बात अपने विजय नगर थाने के पुलिसकर्मियों के साथ साझा की और उसकी मदद करने की योजना बनाई। उन्होंने अपने साथियों को बाताया कि युवक से बातचीत पर पता चला कि वो आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। उसके पास मोटरसाइकिल खरीदने के लिए पैसे नहीं है। इसके बाद थाने के सभी स्टॉफ ने मिलकर अपनी सैलरी से कुछ पैसा जुटाकर जमा किया। फिर  32 हजार रुपए डाउन पेमेंट जमा कर डिलीवरी बॉय को नई बाइक दिला दी।

पुलिस का फोन आया तो डर गया था डिलीवरी बॉय
बता दें कि पुलिस ने जिस युवक को बाइक तोहफे में दी है उसका नाम जय हल्दे है। उसने बताया कि साइकिल के कारण वह कई बार देर से खाना ग्राहकों तक पहुंचा पाता था। जिसके चलते उसे उनकी डांट सुननी पड़ती थी। घर में मेरा छोटा भाई और मां हैं,  दिनभर फूड डिलीवरी करने के बाद 300 रुपए कमा लेता हूं। इससे घर का खर्चा चलता है। इसी वजह से बाइक नहीं खरीद पाया ता। लेकिन जब पुलिस का फोन आया तो कि तुम्हे थाने आना है तो पहले में डर गया था, सोचने लगा कहीं मैंने कोई गलती तो नहीं कर दी। फिर हिम्मत जुटा कर थाने पहुंचा तो डर कर साइकिल भी थाने के बाहर ही खड़ी कर दी। टीआई साहब ने कहा आज से यह गाड़ी अब तुम्हारी है, अब इससे ही तुम फूड सप्लाई करो।

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