
छतरपुर/ सागर. मध्य प्रदेश में आस्था और निष्ठा का एक अनूठा मामला सामने आया है। जहां एक जैन साध्वी ने समाधि लेने की इच्छा जताई और उनका समाधि मरण हो गया। वह साधना कर रहीं थीं उसी समय सिगड़ी की आग उनके वस्त्रों तक पहुंच गई। जिससे वो 90 प्रतिशत जल गई।
90 प्रतिशत तक जलती रहीं, फिर भी वह नहीं हठीं
दरअसल, यह मामला छतरपुर जिले के नैनागिर तीर्थस्थाल का है। शुक्रवार रात जैन साध्वी आर्यिका सुनयमति माताजी अपने कमरे में एक चटाई बिछाई और वह बैठ गईं। कुछ देर बाद एक सेविका ने सिगड़ी में कुछ अंगारे कमरे के बाहर रखकर दूसरा काम करने के लिए वहां से चली गई। लेकिन सिगड़ी की आग उनके वस्त्रों तक पहुंच गई। वह करीब 90 प्रतिशत तक जलती रहीं। फिर भी माताजी वहां से नहीं उठीं। क्योकि उनकी साधना का अभी समय बचा था।
साध्वी ने हॉस्पिटल में ली सामाधि
कुछ देर बाद जब उनकी साधना पूरी होने के बाद वहां से उठने लगी तो आग उनके गले तक पहुंच चुकी थी। उनकी खाल पूरी तरह से शरीर से अलग हो चुकी थी। जैसे ही आश्रम की सेविकाओं ने उनको इस हालत में देखा तो वह उनको लेकर अस्पताल लेकर पहुंची। जहां उन्होंने हॉस्पिटल में समाधि की इच्छा जताई और करीब 30 घंटे बाद उन्होंने समाधि ली। रविवार सुबह करीब 5: 30 पर उनका समाधि मरण हो गया।
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