मप्र विधानसभा उपचुनाव: 'सत्ता' की लड़ाई में कोरोना की चपेट में आ रहे नेता

मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव में कोविड-19 की सरकारी गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नेताओं में सबसे पहले विधायक कुणाल चौधरी पॉजिटिव मिले थे। यह सिलसिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होते हुए अब पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह तक आ पहुंचा है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2020 4:52 AM IST / Updated: Oct 24 2020, 10:29 AM IST

भोपाल, मध्य प्रदेश. विधानसभा की 28 सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव में कोविड-19 के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सभाओं के लिए पहले से अनुमति लेने का आदेश जारी किया है। बावजूद नेता भीड़ जुटाने से पीछे नहीं है। नतीजा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह पॉजिटिव निकले हैं। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी। इसके बाद उनके संपर्क में आए नेताओं में हड़कंप मच गया है। बता दें कि राज्यसभा के चुनाव के दौरान सबसे पहले विधायक कुणाल चौधरी पॉजिटिव निकले थे। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत के अलावा तमाम नेता पॉजिटिव निकले थे।


जयवर्धन के साथ थे कई नेता...
जयवर्धन सिंह ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वे जल्द ठीक होकर जनता की सेवा में हाजिर हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि जयवर्धन सिंह गुरुवार को सागर में सुरखी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू के समर्थन में रैली करने पहुंचे थे। उनके साथ अजय सिंह उर्फ राहु भैय के अलावा अन्य कई नेता थे।

इधर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
मप्र के एक हिस्से में चुनावी सभाओं और रैलियों पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा लगाई गई रोक को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चुनाव आयोग का मानना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन है। इसकी सुनवाई को लेकर कोर्ट 26 अक्टूबर को फैसला लेगा। बता दें कि ग्वालियर हाईकोर्ट ने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले 9 जिलों ग्वालियर, गुना, मुरैना, भिंड, अशोकनगर, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर और विदिशा जिले के लिए यह आदेश पारित किया है। कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण रोकने का अधिकार आयोग को दिया है, लेकिन वो सत्ताधारी पार्टी का सहयोग कर रही है।

Share this article
click me!