कोरोना से महिला की मौत के बाद गहने गायब, बेटे ने केंद्रीय मंत्री को भेजा मेल, मां की यादें दिला दो...

कोरोना महामारी के दौर में राजधानी भोपाल से एक इंसानियत को तार-तार कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां कोरोना से एक महिला की मौत हो जाने के बाद उसके सोने के सारे गहने हॉस्पिटल से चोरी हो गए।  बेटे ने  मां के जेवर को वापस दिलवाने के लिए  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक ईमेल भेज मदद मांगी 

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2020 12:09 PM IST / Updated: Aug 27 2020, 05:57 PM IST

भोपाल. कोरोना महामारी के दौर में राजधानी भोपाल से एक इंसानियत को तार-तार कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां कोरोना से एक महिला की मौत हो जाने के बाद उसके सोने के सारे गहने हॉस्पिटल से चोरी हो गए। जहां मृतका के एनआरआई बेटे ने  अपनी मां के जेवर को आखिरी निशानी के तौर पर वापस दिलवाने के लिए  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक ईमेल के जरिए मदद मांगी थी। जहां हेल्थ मिनिस्टर ने बिना देरी किए बिना भोपाल पुलिस और अस्पताल को जल्द इस मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

अंतिम संस्कार के वक्त पता चला, बॉडी से गायब थे गहने
दरअसल, चौंका देने वाला यह मामला भोपाल के कोविड-19 चिरायु अस्पताल का है, जहां सागर के रहने वाले एक परिवार के चार सदस्य कोरोना से संक्रमित होकर  हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे। इसी दौरान 17 अगस्त को  72 साल की कमला रावत नाम की महिला की मौत हो गई थी। पुलिस को दी शिकायत में महिला के बेटे अनिल रावत ने बताया कि मेरे भाई सुशील रावत ने भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर मां का अंतिम संस्कार कराया था। जहां उनके सारे गहने गयाब हैं।

चिरायु अस्पताल के मालिक भी भेजी शिकायत
बता दें कि अनिल रावत कतर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते हैं। अभी वह अपने परिवार की परेशानी की वजह से घर आए हुए हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस के अलावा चिरायु अस्पताल के संचालक डॉ. अजय गोयनका को भी ई-मेल पर भेजी है। जहां उसने लिखा है कि हमारी मां की आखिरी निशानी कृप्या हमको लौटा दीजिए।

मां की आखिरी के तौर पर उनके गहनों को रखना चाहते हैं
अनित रावत ने बताया कि हमने इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिन चोरी हुए सामान के बारे में लिखा है उनमें सोने का मंगलसूत्र, कान के टॉप्स, सोने की अंगूठी, 3 सोने की चूड़ियां और पायल-बिछिया शामिल हैं। रावत ने बताया कि हमारे लिए इन गहनों की कीमत क्या है यह मायने नहीं रखती, लेकिन हम इन सामान को मां की आखिरी निशानी समझ कर अपने पास रखना चाहते हैं।

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