MP की महिला विधायक 10वीं की परीक्षा में हुईं फेल, बेटी ने टीचर बनकर कराई थी मां की तैयारी

 30 जनवरी को मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड 10वीं परीक्षा का रिजल्ट आया है। जिसमें रामबाई सिंह परिहार अन्य विषयों में तो पास हो गईं, लेकिन विज्ञान विषय में फेल हो गईं हैं। वह 14 से 29 दिसंबर तक चली परीक्षा में शामिल हुईं थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2021 12:06 PM IST


दमोह (मध्य प्रदेश). अक्सर अपने बेबाक और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मध्यप्रदेश की विधायक रामबाई एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार उनका मुद्दा है खुदा का दसवीं की परीक्षा में फेल हो जाना। उन्होंने एक महने पहले मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड के जरिए 10th का एग्जाम दिया था। जिसमें वह  विज्ञान विषय में फेल हो गईं हैं। दसवीं में पास होने के लिए उनके अब सप्लीमेंट्री एग्जाम देना होगा।

अपनी विधानसभा के स्कूल में बैठकर दी थी परीक्षा
दरअसल, 30 जनवरी को मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड 10वीं परीक्षा का रिजल्ट आया है। जिसमें रामबाई सिंह परिहार अन्य विषयों में तो पास हो गईं, लेकिन विज्ञान विषय में फेल हो गईं हैं। वह 14 से 29 दिसंबर तक चली परीक्षा में शामिल हुईं थी। विधायक ने पथरिया के जेपीबी स्कूल से 10वीं की परीक्षा दी थी। बता दें कि रामबाई दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से विधायक हैं। 

8वीं पास हैं विधायक रामबाई
बता दें कि विधायक रामबाई आठवीं पास हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने विधानसभा चुनाव के नामंकन भरने के शपथ पत्र में दी थी। वह कई सालों से चाह रहीं थीं कि वो हायर सेकंडरी परीक्षा पास करें। विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने का फैसला किया।

बेटी ने विधायक मां को पढ़ाया था
खास बात यह है कि विधायक रामबाई की पढ़ाई के लिए हौसला उनकी अपनी बेटी ने बढ़ाया है। बेटी के कहने पर ही उन्होंने 10वीं का फार्म भरा था। उनकी बेटी ही उन्हें पढा रही थी, लेकिन इसके बाद भी वह पास नहीं हो पाईं। रामबाई ने परीक्षा फॉर्म भरते वक्त कहा था कि उनकी बेटी ही उनकी शिक्षक है।

अधूरी रह गई उनकी मंत्री बनने की चाह
विधायक रामबाई कमलनाथ सरकार हो या फिर शिवराज की बीजेपी सरकार दोनों में ही वो चर्चा में बनी रहती हैं। उन्होंने कई बार अपनी बसपा पार्टी से हटकर बयान भी दिए। जिसके चलते मायावती ने उनपर कार्रवाई भी की। जब कमलनाथ सरकार बनी तो वह अपने लिए मंत्री पद मांगती रहीं, लेकिन उनकी मांग पूरी हुई। इसके बाद में जब शिवराज सरकार बनी तो वह बीजेपी के बड़े-बडे नेताओं के चक्कर लगाती रहीं। लेकिन फिर निराशा हाथ लगी। 
 

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