कमलनाथ ने छिंदवाड़ा की जनता से कहा 'अब मैं आराम करना चाहता हूं', लोगों ने दिया ये जवाब

इस समय अपने निवास और बेटे के संसदीय क्षेत छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं। वह पिछले एक सप्ताह से अपने बेटे और यहां से सांसद नकुलनाथ के साथ कई कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। 

Arvind Raghuwanshi | Published : Dec 14, 2020 10:20 AM IST / Updated: Dec 14 2020, 04:33 PM IST

भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनावों में मिली हार के एक महीने बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने राजनीति के छोड़ने के संकेत दिए हैं। कमलनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि में अब आराम करना चाहता हूं, क्योंकि मैंने बहुत कुछ हासिल कर लिया है।

अब मुझे आराम करना चाहिए: कमलनाथ
दरअसल. कमलनाथ इस समय अपने और वर्तमान में बेटे नकुलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं। वह पिछले एक सप्ताह से बेटे के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। सोमवार को वह सौंसर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे। इस दौरान कमलनाथ ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यहां कि जनता ने मुझे बहुत कुछ दिया हैं। आज मेरे पास सबकुछ है, लेकिन युवा और किसानों की स्थिति को देखने के बाद क्या मुझे आराम करना चाहिए? समारोह में आई जनता ने कमलनाथ से कहा कि अभी नहीं, आपको अभी एक बार और मधय प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना है।

बीजेपी ने कमलनाथ पर साधा निशाना
कमलनाथ के इस बयान के बाद बीजेपी ने चुटकी ली है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कमलनाथ ने अपने राजनीतिक संन्यास की घोषणा कर दी है। इसलिए अब उनको भोपाल में अपना सरकारी मकान वापस कर देना चाहिए।

कांग्रेस के कई विधायक कमलनाथ के खिलाफ
बता दें कि अभी कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में  उनकी ही पार्टी के कई विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कई नेताओं का कहना है कि कमलनाथ को एक पद छोड़ना चाहिए। इसी बीच आए इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्या कमलनाथ दो में से एक पद छोड़ना चाहते हैं या फिर राजनीति से ही संन्यास लेने वाले हैं।

(छिंदवाड़ा के सौसर विधानसभा क्षेत्र में सभा को संबोधित करते हुए सांसद नकुलनाथ)

बात करते हुए भावुक हो गए कमलनाथ
बीजेपी के निशाना साधने के बाद कमलनाथ भावुक हो गए उन्होंने कहा कि ''मेरे कहने का मतलब यह था कि जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता चाहेगी उस दिन मैं सन्यास लूंगा। मैं आज जो कुछ हूं यहां के लोगों की बदौलत हूं।

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