
भोपाल. मध्यप्रदेश में एक तरफ कोरोना वायरस के मामले कम होने से राहत की खबर है, लेकिन ब्लैक फंगस खतरनाक रूप लेता जा रहा है। लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या और भयावहता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। बता दें कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के बाद ऐसा करने वाला एमपी पांचवा राज्य बन गया है।
अब से सरकार करेगी पूरी निगरानी
दरअसल, सीएम शिवराज ने कोरोना कोर ग्रुप के साथ बैठक कर म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग माना। अब से सरकार कोरोना मरीजो की तरह इसका भी रिकॉर्ड रखेगी। साथ ही सही यह देखा जाएगा कि कोई अस्पताल इस बीमारी का इलाज करने के लिए इंकार तो नहीं कर रहा है। इसके अलावा दवाइयों का स्टॉक और सप्लाई पर भी शासन निगरानी रखेगा।
दवा के लिए दर-दर भटक रहे मरीजों के परिजन
बता दें कि इस जानलेवा बीमारी में चपेट में आकर करीब 700 से ज्यादा मरीज प्रदेश के अलग-अलग निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी मरीजों को कोई राहत की खबर नहीं है। क्योंकि बाजार में इसकी कोई दवा जो नहीं मिल रही है। जिसके लिए मरीजों के परिजन दवा के लिए भटक रहे हैं। वहीं सरकार इंतजाम भी पूरे होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सीएम ने अफसरों को पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए दिए हैं।
8 मेडिकल कॉलेज में 361 मरीज हैं भर्ती
प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए आरक्षित 420 बेड पर 361 मरीज भर्ती हैं। राजधानी के हमीदिया अस्पताल यानि
जीएमसी में 90, एमएमजीसी इंदौर में 164, जीआरएमसी ग्वालियर में 24, एनएससीबी जबलपुर में 58, एसएसएमसी रीवा में 15, बीएमसी सागर में 7, जीएमसी खंडवा में 1 और सीआईएमएस छिंदवाड़ा में 2 मरीज भर्ती हैं।
यह हैं ब्लैक फंगस के प्रमुख्य लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक, ब्लैक फंगस के शुरूआती लक्षण इस तरह देखे जाते हैं। एक नाक में दर्द होना, आसपास के हिस्से में सूजन आना, आंखों में दर्द के साथ लाल होना, तेज बुखार या सिरदर्द होना, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव होना। खांसी के साथ सांस में तकलीफ होना। अगर किसी भी कोरोना मरोजों में यह लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाए और अपनी जांच कराए।
कैसे फैलती है ब्लैक फंगस
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टेरॉयड, ब्लड शुगर, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के अलावा ऑक्सीजन पाइप से इंफेक्शन फैल सकता है। ऑक्सीजन के लगातार इस्तेमाल से वेट इन्वायरमेंट बनता है, जो ब्लैक फंगस को फैलने में मदद करता है। इसलिए जरुरी है कि ऑक्सीजन पाइप को बार बार साफ करना। ताकि फंगस ऑक्सीजन पाइप में न रह जाए। आईसीयू में यूज होने वाले ऑक्सीजन संबंधित उपकरणों को ठीक से समय समय पर साफ करें।
एक मरीज को ठीक करने में आ रहा लाखों का खर्चा
बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीजों को एक दिन में पांच डोज लगते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक शुरुआत में 7 दिनों तक इंजेक्शन लगना जरूरी। एक इंजेक्शन की कीमत 5 से 7 हजार रुपए है लेकिन, इसे कुछ लोग ब्लैक में 15 से 20 हजार में बेच रहे हैं। क्योंकि यह इंजेक्शन मार्केट में उपलब्ध नहीं है। एक मरीज को ठीक करने के लिए लाखों रुपए का खर्चा आ रहा है।
इन 5 राज्यों में सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले
वैसे तो ब्लैक फंगस का असर कई राज्यों में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मरीज गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से सामने आ रहे हैं। अब तक ब्लैक फंगस के 9 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं 235 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले गुजरात में ही 5000 हजार केस देखने को मिले हैं, जिसमें से 90 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं महाराष्ट्र में 1500 मरीज हैं और 90 की मौत हुई है। राजस्थान में 700 मरीज ब्लैक फंगस के हैं। तो मध्यप्रदेश भी 700 मरीज हैं। वहीं उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में भी 300 के आसपास मरीजों की संख्या है।
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