संक्रमित युवक के अंतिम संस्कार में चिता जलाते वक्त हुआ कुछ ऐसा, PPE किट पहने कर्मचारी जान बचाकर भागे

राजधानी भोपाल में एक कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। किसी तरह नगर निगम के कर्मचारी अपनी जान बचाकर श्मशान घाट से भागे। दरअसल, चिता में आग लगाते वक्त आग भड़क गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Aug 13, 2020 1:28 PM IST

भोपाल. राजधानी भोपाल में एक कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। किसी तरह नगर निगम के कर्मचारी अपनी जान बचाकर श्मशान घाट से भागे। दरअसल, चिता में आग लगाते वक्त आग भड़क गई, हलांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।

देखते ही देखते उठने लगीं आग की तेज लपटें 
बता दें कि गुरुवार दोपहर बैरागढ़ क्षेत्र में एक कोरोना संक्रमित युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जहां अस्पताल से नगर निगम के कर्मचारी मृतक का शव लेकर बैरागढ़ विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार लेकर पहुंचे थे। जैसे ही लकड़ियों पर शव रखा और चिता पर पेट्रोल छिड़कने के बाद तीली जलाई तो आग भड़क गई और देखते ही देखते आग की लपटें उठने लगीं। जिसको देखते ही तीनों कर्मचारी वहां से भागने लगे। 

निगम कर्मचारी जान जोखिम में डालकर चलाते हैं चिता
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए संक्रमित मरीज का शव उसके घरवालों को नहीं दिया जाता है। ताकि परिजन तक वायरस नहीं पहुंच सके। इसलिए नगर निगम कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर पीपीई किट पहनकर शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। एक निगम कर्मचारी ने बताया कि पीपीई किट पहनकर शवों का अंतिम संस्कार करना बहुत मुश्किल है और और उससे ज्यादा खतरनाक है चिता में आग लगाना।

ऐसे किया जाता है संक्रमित का अंतिम संस्कार
नगर निगम कर्मचारी सुरेश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमित की मौत हो जाने के बाद शव को तीन निगम कर्मचारी पीपीई किट पहनकर विश्राम घाट लाते हैं। इसके बाद शव को अच्छी तरह से ढका जाता है, फिर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी बिछाते हुए शव उस पर रख दिया जाता है। इसके बाद चिता पर पेट्रोल छिड़का जाता है और दूर से तीली जलाकर लकड़ियों में डाल देते हैं। 
 

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