मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय से वापस अपने घर लौट रहे थे, इसी दौरान वह अचानक लिफ्ट तीन से चार पांच मिनट के लिए बंद हो गई थी। मामले सामने आते ही तमाम मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
भोपाल (मध्य प्रदेश). सोमवार को अचानक मंत्रालय की लिफ्ट में फंसे सीएम शिवराज सिंह चौहान के मामले में अब चौंकाने वाली जानकारी सामने आया है। बताया जा है कि जिस लिफ्ट में मुख्यमंत्री जी फंस गए थे, वह बंद थी क्योंकि उसमें मेंटेनेंस का काम चल रहा था। इतना ही नहीं उसमें बंद है का बोर्ड भी लगा था। लेकिन इसके बावजूद भी आनन-फानन में दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया।
लिफ्ट में सीएम के फंसते ही अफसरों के फूले हाथ-पांव
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय से वापस अपने घर लौट रहे थे, इसी दौरान वह अचानक लिफ्ट तीन से चार पांच मिनट के लिए बंद हो गई थी। मामले सामने आते ही तमाम मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अफसरों के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने मेंटेनेंस में लापरवाही के कारण के दो इंजीनियर्स शैलेंद्र परमार और मनोज यादव को निलंबित कर दिया।
अपनी गलती छिपाने के लिए इंजीनियरों को किया सस्पेंड
अब लिफ्ट के मामले में मंत्रालय में चर्चा हो रही है कि सीएम की नाराजगी से घबराए सीनियर अधिकारियों ने मामले पर पर्दा डालने के लिए 2 इंजीनियरों को बिना कारण के ही बुधवार शाम को सस्पेंड कर दिया। इसमें इंजीनियरों की कोई गलती नहीं थी बल्कि सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया जा रहा है। उनके सुरक्षाकर्मियों ने मेंटेनेंस स्टाफ के निर्देश को अनदेखा किया। इतना ही नहीं, परियोजना प्रशासन ने 29 जनवरी को ही मंत्रालय के रजिस्ट्रार को इसकी लिखित सूचना दी थी। नगरीय विकास विभाग को भी इस बारे में बताया गया था। इसके बावजूद अफसर गंभीर नहीं हुए।
600 करोड़ की इमारत में लगी लिफ्ट हुई बेकार
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह जिस लिफ्ट में फसे थे वह वल्लभ भवन में मौजूद मंत्रालय में लगी हुई है। जिसके लिए सीएम अपने ऑफिस के आने जाने के लिए यूज करते हैं। हाल ही में वल्लभ भवन का निर्माण हाईटेक तरीके से करवाया गया है। यहां करीब 600 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से बनी एनेक्सी में अधिकारियों मंत्रियों के आने जाने के लिए 16 लिफ्ट लगी है।