दिग्विजय सिंह ने ऐसा क्या कह दिया, जो सिंधिया ने कहा-यही कांग्रेस की नीति और नीयत का सच है

 दिग्विजय सिंह के आर्टिकल 370 पर दिए बयान वाले ऑडियो को बीजेपी नेता अमित मालवीय ने क्लब हाउस चैट की एक क्लिप ट्विटर पर शेयर की है। जिसमें दिग्विजय सिंह एक पाकिस्‍तानी पत्रकार से कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस सरकार सरकार में आई तो वह आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले पर विचार करेगी। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 12, 2021 6:34 AM IST / Updated: Jun 12 2021, 04:24 PM IST

भोपाल. अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का बयान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने वर्चुअली संवाद में आर्टिकल 370 के बारे में एक पाकिस्‍तानी पत्रकार के सवाल पर कहा 'अगर कांग्रेस सत्‍ता में आई तो जम्‍मू-कश्‍मीर में आर्टिकल 370 फिर से बहाल करेंगे। वहीं भाजपा नेता और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की जनता ने देख लिया है कि 'क्लब हाउस' के नेता किस प्रकार से बाहर भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और किस प्रकार पाकिस्तान की हां में हां मिला रहे हैं, इससे पता चलता है कि उनके विचार पाकिस्तान से कितन मिलते हैं। इस मामले पर भाजपा राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस आज भी पाकिस्तान का पक्ष लेने से नहीं चूकती। यही कांग्रेस की नीति और नीयत का सच है। 

दिग्विजय का ऑडियो वायरल 
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने क्लब हाउस पर चैट के दौरान बोल रहे थे। दावा किया जा रहा है कि इस चैट में एक पाकिस्तानी पत्रकार भी मौजूद था। सोशल मीडिया पर उनका यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने आर्टिकल 370 पर मोदी सरकार के इस फैसले को दुखद बताया। इस बयान के बाद दिग्विजय सिंह भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं निशाने पर आ गए हैं।

पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं दिग्विजय: बीजेपी
बता दें कि दिग्विजय सिंह के आर्टिकल 370 पर दिए बयान वाले ऑडियो को बीजेपी नेता अमित मालवीय ने क्लब हाउस चैट की एक क्लिप ट्विटर पर शेयर की है। जिसमें  दिग्विजय सिंह एक पाकिस्‍तानी पत्रकार से कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस सरकार सरकार में आई तो वह आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले पर विचार करेगी। अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जो दिग्विजय सिंह चाहते हैं वह तो वास्तव में  पाकिस्तान चाहता है। देश के इतने बड़े नेता होते हुए भी वह पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।

'पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं दिग्विजय'
क्लब हाउस चैट लीक होने के बाद दिग्विजय सिंह बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। केंद्रीय मंत्रि गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा- दिग्विजय सिंह के इस बयान से पता चलता है कि उनका और उनकी पार्टी का कांग्रेस का पहला प्यार तो पाकिस्तान है। आप ऑडियो में सुन सकते हैं कि किस तरह से उन्होंने राहुल गांधी का संदेश पाकिस्तान तक पहुंचाया है। वास्तव में कश्मीर को लेकर कांग्रेस की मदद करना चहाती है।

संबित पात्रा ने कहा-कश्मीर को थाली में रखकर पाकिस्तान को सौंपना चाहते...
भाजपा नेता और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह पाकिस्तान की हां में हां मिला रहे हैं। वे कश्मीर को थाली में रखकर पाकिस्तान को सौंपना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरुआत से कश्मीर में शांति नहीं चाहती है। ये पूरी संभावना है कि आज जो दिग्विजय सिंह ने जो कहा है उसके लिए पहले से स्टेज मैनेज रहा होगा। उस पत्रकार से दिग्विजय सिंह या कांग्रेस के बड़े नेता ने ऐसा सवाल पूछने के लिए कहा होगा। ये सभी उस टूलकिट का हिस्सा है। ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन्होंने पुलवामा हमले को एक दुर्घटना मात्र बता दिया था, इन्होंने ही 26/11 के हमले को RSS की साजिश बताया था और उस समय पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का भी प्रयास किया था।

पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर दिग्विजय दिया जबाव
बता दें कि दिग्विजय सिंह देश-विदेश के कई पत्रकारों से वर्चुअली संवाद कर रहे थे। जिसमें उन्होंने धारा-370 का मुद्दा उठाया। इस बतचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धारा-370 हटाई तो लेकिन यहां लोकतंत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। इतना ही नहीं इस दौरान इंसानियत का भी ध्यान नहीं रखा। किस तरह वहां के कुछ लोगों को कालकोठरी में बंद कर दिया गया था। लेकिन हम सत्ता में आए तो यह बदलाव करेंगे। बताया जाता है कि इस बातचीत के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार जिल्लानी ने दिग्विजय सिंह पूछा था कि अगर मोदी सरकार जाती है और कोई नया पीएम बनता है तो वह कश्मीर को लेकर क्या करेंगे।

6 अगस्त 2019 को हटा था अनुच्छेद 370  
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 6 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था।  जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया। एक जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश और दूसरा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।

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