बच्चे को दफन करने जा रहे थे मां बाप, गड्डे में रखते ही जिंदा..चमत्कार मान लाए घर..लेकिन हकीकत कुछ और

लापरवाही का यह मामला विदिशा जिले के गंजबासौदा अस्पताल का है। जहां नर्स ने एक नवजात को इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। परिजन दुखी होकर बच्चे को दफनाने के लिए जाने लगे। प्रसूता को यकीन नहीं था कि उसका बच्चा इस दुनिया में नहीं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2020 6:09 AM IST

गंजबासौदा (मध्य प्रदेश). डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के मामलों की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से जो घटना देखने को मिली वह सारी हदें पार करती है। जहां नर्स ने एक नवजात को इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। परिजन दुखी होकर बच्चे को दफनाने के लिए जाने लगे। परी तैयार कर ली, गड्डा भी खोद लिया, लेकिन जैसे ही नवजात को नीचे रखा तो उसके हाथ-पैर हिलने लगे। 

मां को नहीं था यकीन, फिर नर्स ने बता दिया मर गया बच्चा
दरअसल, लापरवाही का यह मामला विदिशा जिले के गंजबासौदा अस्पताल का है। जहां संगीता नाम की महिला की डिलीवरी के बाद शिशु की तबीयत खराब हो गई थी। कुछ घंटो बाद ही नर्स ने बच्चे को मृत बताकर परिजन को सौंप दिया। प्रसूता को यकीन नहीं था कि उसका बच्चा इस दुनिया में नहीं। वह इलाज के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन उसे तो मृत घोषित कर दिया।

किसी ने भगवान का चमत्कार कहा तो किसी ने...
नवजात के पिता बबलू प्रजापति ने बताया कि नर्स रानी कुशवाहा ने मेरे बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। हम लोगों ने भी उसकी बात सही मानकर दफनाने की तैयारी कर ली। लेकिन आखिर समय पर भगवान का ऐसा चमत्कार हुआ कि उसकी सांसे चलनी लगीं और वह हिलने लगा। तो हम हैरान थे, कुछ कहने लगे कि यह तो भगवान का चमत्कार है। लेकिन कुछ का कहना था कि यह सब डॉक्टरों की गलती से हुआ है।

अब पूर्ण रुप से स्वस्थ है मासूम
 नर्स और अस्तपताल के स्टॉफ की लापरवाही की शिकायत जिला जिला चिकित्सा अधिकारी  से की। जिसके बाद मामले पर कार्रवाई की गई। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र बाजोरिया और डॉक्टर अतुल जैन ने जब बच्चे की जांच की तो उसकी सांसे चल रहीं थीं। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ति कर दिया गया। 

Share this article
click me!