यूपी इलेक्शन में चमत्कार की उम्मीद लेकर प्रियंका गांधी पहुंचीं पीतांबरा पीठ, 15 मिनट तक 'ध्यान' लगाकर बैठीं

शुक्रवार को दोपहर पौने दो बजे के करीब प्रियंका गांधी विश्व प्रसिद्ध तांत्रिक शक्ति पीठ मां पीतांबरा मंदिर पहुंची। यहां मंदिर के पट बंद हो चुके थे, ऐसे में उनको कुछ देर इंतजार करना पड़ा। इसके बाद प्रियंका गर्भगृह में न जाकर बाहर से ही आम श्रद्धालुओं की तरह मां पीतांबरा के दर्शन किए। 

दतिया :  कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के ललितपुर (lalitpur) से सीधे मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के दतिया (datia) पहुंची। शुक्रवार को दोपहर पौने दो बजे के करीब वे विश्व प्रसिद्ध तांत्रिक शक्ति पीठ मां पीतांबरा मंदिर पहुंची। यहां मंदिर के पट बंद हो चुके थे, ऐसे में उनको कुछ देर इंतजार करना पड़ा। इसके बाद प्रियंका गर्भगृह में न जाकर बाहर से ही आम श्रद्धालुओं की तरह मां पीतांबरा के दर्शन किए। उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की और दोनों हाथ जोड़कर माता से आशीर्वाद मांगा। 

ध्यान लगाया, आशीर्वाद मांगा
मां पीतांबरा के दरबार में प्रियंका गांधी ने पूजा-पाठ किया। इसके बाद वे वहीं ध्यान लगाकर बैठ गईं। करीब 15 मिनट तक प्रियंका ध्यान मुद्रा में बैठी रहीं। इस दौरान मंदिर के बाहर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा रहा। पूजा-अर्चना और ध्यान के बाद प्रियंका गांधी हवाई पट्टी पहुंची और वहां से विशेष विमान से लखनऊ के लिए रवाना हो गईं।

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कांग्रेस नेताओं में धक्का-मुक्की
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने के लिए दोपहर साढ़े 12 बजे ही कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ता पीतांबरा मंदिर पहुंच गए थे। जैसे ही प्रियंका वहां पहुंची तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूट पड़ा। कांग्रेसियों में धक्का-मुक्की की स्थिति बनी तो एसपीजी और पुलिस के लिए भी भीड़ कंट्रो करना खासा मुश्किल हो गया। इस बीच कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक दांगी बगदादी गिर गए, जिससे उनको मामूली चोटें भी आई हैं। 

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कांग्रेस नेताओं से चर्चा
प्रियंका गांधी के दतिया पहुंचने पर कांग्रेस विधायक घनश्याम सिंह, देवाशीष जरारिया, जिलाध्यक्ष अशोक दांगी बगदा समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रियंका ने इस दौरान पार्टी नेताओं से राजनैतिक चर्चा भी की। कांग्रेस नेताओं ने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं, साथ ही यह भी बताया कि राज्य में कैसे कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज हो रहे हैं।

पहले कैंसल हुआ था दौरा
विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के ग्वालियर-चंबल अंचल में आने की अटकले लगाई जा रही थीं। हालांकि बाद में कार्यक्रम रद्द हो गया था। अब पृथ्वीपुर में उपचुनाव में शनिवार को मतदान होना है, इसके ठीक पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को दतिया आई। जिससे यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

दादी इंदिया गांधी भी आती थीं पीतांबरा पीठ
प्रियंका गांधी से पहले उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी पीतांबरा पीठ आती थीं। 1977 में जब इंदिरा गांधी यहां आई थीं। तब उन्होंने यहां एक विशेष यज्ञ भी करवाया था। 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में वापसी के बाद इस पीठ की राजनीति तौर पर महत्ता बढ़ गई थी। बाद में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के यहां आने का सिलसिला जारी रहा।

मां पीतांबरा की महत्ता
इस सिद्धपीठ की स्थापना 1935 में परम तेजस्वी स्वामी जी के द्वारा की गई। मां पीतांबरा का जन्म स्थान, नाम और कुल आज तक रहस्य बना हुआ है। मां का ये चमत्कारी धाम स्वामी जी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में देशभर में जाना जाता है। चर्तुभुज रूप में विराजमान मां पीतांबरा के एक हाथ में गदा, दूसरे में पाश, तीसरे में वज्र और चौथे हाथ में उन्होंने राक्षस की जिह्वा थाम रखी है। दर्शनार्थियों को मां की प्रतिमा को स्पर्श करने की मनाही है। मंदिर में मां पीतांबरा के साथ ही खंडेश्वर महादेव और धूमावती के दर्शनों का भी सौभाग्य मिलता है। मंदिर के दायीं ओर विराजते हैं खंडेश्वर महादेव, जिनकी तांत्रिक रूप में पूजा होती है। महादेव के दरबार से बाहर निकलते ही 10 महाविद्याओं में से एक मां धूमावती के दर्शन होते हैं। सबसे अनोखी बात ये है कि भक्तों को मां धूमावती के दर्शन का सौभाग्य केवल आरती के समय ही प्राप्त होता है क्योंकि बाकी समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

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