मध्य प्रदेश के गुना जिले से एक बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जो शासन और सरकार के दावों के पोल खोलती दिख रही है। यहां एक दलित महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण टीन शेड बनाकर करीब 3 घंटे तक खड़े रहे।
गुना. मध्य प्रदेश के गुना जिले से एक बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जो शासन और सरकार के दावों के पोल खोलती दिख रही है। यहां एक दलित महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण टीन शेड बनाकर करीब 3 घंटे तक खड़े रहे। इतना ही नहीं शव को जलाने के लिए टायर जलाने पड़े और डीजल-पेट्रोल डालकर चिता जलानी पड़ी।
घुटनों तक भरे पानी से लेकर गए अर्थी, लेकिन...
दरअसल, यह घटना गुना जिले के बांसाहैड़ा गांव में देखने को मिली है। जहां 45 साल की एक दलित महिला रामकन्या बाई की शुक्रवार सुबह बीमारी के चलते अचानक मौत हो गई। लेकिन बारिश के चलते शव को परिजन करीब 2 घंटे तक रखे रहे। जब बारिश खुली तो वह शव लेकर मरघट पहुंचे। अर्थी रखे लोगों को कीचड़ वाले और घुटनों तक भरे पानी में से होकर गुजरना पड़ा।
10 से 12 लीटर डीजल-पेट्रोल डालकर जलाई चिता
बता दें कि ग्रामीणों ने जैसा ही अंतिम संस्कार करना चाहा तो तेज बारिश होने लगी। लकड़िंया और घास गीली हो गई। आलम यह था कि लोगों को टीन की चादरें घर से लानी पड़ी और 3 घंटे तक शव के ऊपर अस्थाई छत बनाकर खड़े रहे। हालत यह थी कि चिता जलाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में लोगों को शव जलाने के लिए पहले लकड़ियों के नीचे टायर जलाए। फिर 10 से 12 लीटर डीजल-पेट्रोल डालकर चिता जलानी पड़ी।
मंचों से बड़े-बड़े दावे..हकीकत कुछ और ही
गांव के लोगों ने बताया कि नेता चुनाव के वक्त आते हैं और वादे कर चले जाते। हर साल बारिश के वक्त ग्रामीणों को इसी तरह की परेशानी से गुजरना पड़ता है। जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों से इसकी शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। कीचड़ के चलले बीमार लोग शहर तक नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके चलते कई की मौत रास्ते में ही हो जाती है।