गजब मध्य प्रदेश: उमा भारती शराब बंद कराने पर अड़ीं, इधर CM शिवराज ने सस्ती कर दी दारू..होम बार को भी दी मंजूरी

मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। जिसके चलते राज्य के अब  सभी एयरपोर्ट्स और चार महानगरों के चुनिंदा मॉल्स में शराब रिटेल में बेची जाएगी। इतना ही नहीं अब नई नीति के तहत लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे। इतना ही नहीं इस नई आबकारी नीति में लोगों को होम बार का लाइसेंस भी मिलेगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2022 11:09 AM IST

भोपाल, लोग सही कहते हैं कि मध्य प्रदेश अजब है। क्योंकि पिछले कई दिनों से राज्य की पूर्व सीएम उमा भारती जहां एक तरफ शराब को बंद कराने की जिद पर अड़ी हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति लेकर लाए हैं। जिसके तहत एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में अंग्रेजी और देसी शराब की बोतलों पर जो एमआरपी होगी, उस पर 20 फीसदी की छूट मिलेगी।  यानि 20 प्रतिशत सस्ती हो जाएगी।

अब लोग अपने घर पर खोल सकते हैं बार
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। जिसके चलते राज्य के अब  सभी एयरपोर्ट्स और चार महानगरों के चुनिंदा मॉल्स में शराब रिटेल में बेची जाएगी। इतना ही नहीं अब नई नीति के तहत लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे। इतना ही नहीं इस नई आबकारी नीति में लोगों को होम बार का लाइसेंस भी मिलेगा। जिनकी आय एक करोड़ से ज्यादा है उन्हें सरकार  50 हजार रुपए की फीस पर  होम बार का लाइसेंस देगी।

इस वजह से नई आबकारी नीति लेकर आई शिवराज सरकार
बता दें कि अब  एमपी में अंग्रेजी और देसी शराब एक ही दुकान पर मिल सकेंगी। यानि देसी की दुकान पर विदेशी और विदेशी की दुकान पर देसी शराब भी आराम से मिल सकेगी। राज्य सरकार यह पूरी कवायद इस वजह से कर रही है, क्योंकि शिवराज सरकार शराब के जरिए राज्य का राजस्व बढ़ाना चाहती है। ताकि किसी ना किसी तरह प्रदेश सरकार कोर शराब से ज्यादा राजस्व मिले।

विदेशी शराब पर एक्साइज डयूटी 10 से 13% तक कम
बताया जाता है कि आबकारी विभाग ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में नई उप-दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सीएम शिवराज ने इसे खारिज कर दिया। मंगलवार को हुई कैबिनेट में विदेशी यानी अंग्रेजी शराब सस्ती होगी। क्योंकि सरकार ने विदेशी शराब पर एक्साइज डयूटी 10 से 13% तक कम करने का निर्णय लिया है। इससे शराब की डिमांड बढ़ेगी और ज्यादा बिक्री होगी।
 

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