मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को तीन एमबीबीएस विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री – हिंदी में पढ़ाया जाएगा।
भोपाल(Madhya Pradesh). मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को तीन एमबीबीएस विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री – हिंदी में पढ़ाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को भोपाल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की अनुवादित पुस्तकों का विमोचन कर राज्य में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इससे लोगों में यह धारणा बदलेगी कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम हिंदी में नहीं पढ़ा जा सकता है।
CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, यह इस विचार को अमली जामा पहनाने की दिशा में एक कदम है कि हिंदी माध्यम में शिक्षा से भी व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ सकता है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए। पुस्तकों के हिंदी अनुवाद के लिए इस वर्ष फरवरी माह में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में हिंदी प्रकोष्ठ ‘मंदर’ का विधिवत गठन कर एक सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम तैयार किया गया था। टास्क फोर्स में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं। 97 मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों और विशेषज्ञों ने 5,568 घंटों से अधिक समय तक इस मामले में मंथन किया।
किताबें हिंदी में होंगी, अंग्रेजी में होंगे तकनीकी शब्द
सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अब अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी किताबें उपलब्ध होंगी, लेकिन मेडिकल के तकनीकी शब्द अंग्रेजी में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश हिंदी में चिकित्सा शिक्षा शुरू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पायलट परियोजना गांधी मेडिकल कॉलेज से शुरू होगी। मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में हिंदी में वर्तमान सत्र से ही एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री हिंदी में पढ़ाया जाएगा। वहीं, अगले सत्र में भी एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में भी इसे लागू किया जाएगा।