MP Panchayat Election: शानदार मिसाल पेश कर निर्विरोध चुना सरपंच, अपनाई अनूठी प्रक्रिया..हर जगह हो ऐसा चुनाव

15 सौ की आबादी वाले गांव में सरपंच पद के लिए चार लोगों ने पर्चा भरा था। मेवाड़ा बाहुल्य ग्राम पंचायत होने के कारण हर बार पंचायत चुनाव में विवाद की स्थिति बनती आई है। कई साल से चुनावी रंजिश चली आ रही है। इससे लोगों के बीच दुरियां बनती हैं। साथ ही हर बाह चुनाव के नाम पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2021 5:58 AM IST / Updated: Dec 21 2021, 11:32 AM IST

सीहोर. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) का घमासान चल रहा है। कैंडिडेट जीतने के लिए और मतदाताओं को रिझाने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं एक-एक प्रत्याशी लाख-लाख रुपए तक खर्च कर रहा है। इसी बीच प्रदेश के सीहोर जिला की एक ग्राम पंचायत से अनोखी खबर सामने आई है। जहां  ग्रामीणों ने चुनावी खर्च को बचाने के लिए एक शानदार मिसाल पेश करते हुए पर्ची उठवाकर सरपंच को निर्विरोध चुन लिया।

अनूठी पहल से बच गए लाखों रुपए
दरअसल, यह प्रत्याशी चुनने का यह अनोखा तरीका सीहोर जिले की ग्राम पंचायत छापरी कला और छापरी खुर्द के ग्रामीणों ने अपनाया है। जहां लोगों ने आपसी मनमुटाव और विवाद की जड़ खत्म करने के लिए गांव के हनुमान मंदिर में 7 साल की बालिका से पर्ची उठवाकर सरपंच को निर्विरोध चुन लिया।

हर बार सामने आती है चुनावी रंजिश..लेकिन अब नहीं
बता दें कि 15 सौ की आबादी वाले गांव में सरपंच पद के लिए चार लोगों ने पर्चा भरा था। मेवाड़ा बाहुल्य ग्राम पंचायत होने के कारण हर बार पंचायत चुनाव में विवाद की स्थिति बनती आई है। कई साल से चुनावी रंजिश चली आ रही है। इससे लोगों के बीच दुरियां बनती हैं। साथ ही हर बाह चुनाव के नाम पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। बस इन्हीं सब चीजों से निपटने के लिए ग्रामीणों ने यह रास्ता अपनाया है।

सरपंच चुनने के लिए अपनाई गई ये प्रक्रिया
ग्रामीणों ने बताया कि निर्विरोध चुनने के लिए हम लोगों ने एक समीति का गठन किया। जिनका काम था प्रत्याशियों से बात करना और गांववालों को एक जुट करना था। इसके बाद  हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को मंदिर पर बुलाया गया।  जहां सभी लोगों ने आपसी सहमति से एक बैठक की और इसमें चारों कैंडिडेट बने सिंह मेवाड़ा, चंदरसिंह मेवाड़ा, बाबूलला मेवाड़ा, धर्मेंद्र मेवाड़ा के सामने प्रस्ताव रखा कि आप 11-11 हजार रुपए यहां रखें, जो कि बाद में गांव के विकाम में लगाएं जाएंगे। इससे आपका लाखों रुपए चुनावी खर्च भी बचेगा। फिर हनुमान मंदिर पर एक कन्या से चारों नामों की पर्ची लिखकर उठवाई गई। जिसमें चंदर सिंह मेवाड़ा को सरपंच पद के लिए चुन लिया गया।  
 

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