मध्यप्रदेश में अभी नहीं होंगे पंचायत चुनाव, जानें कौन सा पेंच फंसने के बाद निर्वाचन आयोग ने लिया ये फैसला

Published : Dec 28, 2021, 08:41 PM ISTUpdated : Dec 28, 2021, 09:16 PM IST
मध्यप्रदेश में अभी नहीं  होंगे पंचायत चुनाव, जानें कौन सा पेंच फंसने के बाद निर्वाचन आयोग ने लिया ये फैसला

सार

इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद के नाम से जारी पत्र में कहा गया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 हेतु जारी निर्वाचन समय अनुसूची एवं इसके आधार पर की गई निर्वाचन संबंधी सभी कार्यवाहियों को निरस्त कर दिया गया है। 

भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। मंगलवार को कानूनी सलाह लेने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव निरस्त करने का फैसला लिया। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। जामोद की तरफ से इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की गई है। 

जामोद ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया निरस्त करने के बाद जिन प्रत्याशियों ने नामांकन और जमानत राशि जमा कर दी है, उनकी राशि वापस की जाएगी। पंचायत चुनाव प्रक्रिया निरस्त करने के संबंध में मंगलवार को दिन भर अधिकारियों के बीच मंथन चला। इस बैठक में बीएस जोदी के अलावा अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले सोमवार को भी इसी मुद्दे को लेकर गहन मंथन हुआ था।
 

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से फंस गया पेंच
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को ओबीसी (OBC) के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने के आदेश दिया था। सरकार ने इस फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की। इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी होनी है। इस बीच केंद्र सरकार ने भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर पंचायत चुनाव चार महीने आगे बढ़ाने की मांग कर दी। सरकार नहीं चाहती कि पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण खत्म किया जाए। 

राज्य सरकार ने निरस्त किया अध्यादेश 
राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर वाले आदेश के तहत OBC के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करवा रहा था। इस बीच सरकार ने सोमवार को पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अध्यादेश ही वापस ले लिया। इसी अध्यादेश के आधार पर निर्वाचन आयोग चुनाव करवा रहा था। चूंकि यह अध्यादेश ही वापस हो गया, इसलिए कानूनी पेंचों को दूर करने राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने बैठक बुलाई। सोमवार को गहन मंथन के बाद मंगलवार को इस पर निर्वाचन आयोग ने कानूनी विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसके बाद चुनाव निरस्त करने का फैसला लिया गया।

ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है मप्र सरकार 
शिवराज सरकार पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण हर हाल में लागू करवाना चाहती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा चुकी है। इस पर तीन जनवरी को सुनवाई प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अलावा अन्य कानून विशेषज्ञों से भी इस संबंध में बात की है। 

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