भोपाल। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 72वां जन्मदिन है। इस अवसर पर पीएम ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए तीन चीतों को छोड़ा। नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया है। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि वर्षों की मेहनत सफल हुई। देश में 7 दशक बाद चीतों की वापसी हुई है। चीते सुबह ग्वालियर हवाई अड्डे पर पहुंचें थे, इसके बाद हेलिकॉप्टर से उन्हें कूनो ले जाया गया। ग्वालियर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
12:31 PM (IST) Sep 17
मोदी ने कहा, "हमारे यहां कितने ही बच्चों को यह पता ही नहीं होता है कि जिस चीता के बारे सुनकर वे बड़े हो रहे हैं वे उनके देश से पिछली शताब्दी में ही लुप्त हो चुके हैं। आज अफ्रीका के कुछ देशों और ईरान में चीता पाए जाते हैं, लेकिन भारत का नाम उस लिस्ट से बहुत पहले ही हटा दिया गया था। आने वाले वर्षों में बच्चों को इस विडंबना से नहीं गुजरना होगा। बच्चे चीता को कूनो नेशनल पार्क में दौड़ता देख पाएंगे। चीता के जरिए आज जंगल और जीवन का एक बड़ा शून्य भर रहा है।"
पीएम ने कहा, "आज 21वीं सदी का भारत पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि इकोनॉमी और इकोलॉजी कोई विरोधाभासी क्षेत्र नहीं हैं। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। आज एक ओर हम विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल हैं साथ ही देश के वन क्षेत्र में भी तेजी से विस्तार हो रहा है।"
12:23 PM (IST) Sep 17
प्रधानमंत्री ने कहा,"जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता तब हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृ्द्धि के रास्ते खुलते हैं। कूनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से रीस्टोर होगा और बायोडायवर्सिटी बढ़ेगी। आने वाले दिनों में यहां इको टूरिज्म भी बढ़ेगा। यहां विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।"
नरेंद्र मोदी ने कहा, "साथियों मैं आज आपसे एक आग्रह भी करना चाहता हूं। कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं। वे इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं इसके लिए हमें इन्हें कुछ महीनों का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।"
12:14 PM (IST) Sep 17
पीएम ने कहा, "आज आजादी के अमृतकाल में देश नए ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। अमृत में तो वो सामर्थ होता है जो मृत को भी फिर से जीवित कर देता है। मुझे खुशी है कि आजादी के अमृतकाल में कर्तव्य और विश्वास का यह अमृत हमारी विरासत, धरोहर और अब चीतों को भी भारत की धरती पर पुनर्जीवित कर रहा है।"
नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीतों को भारत लाने के पीछे हमारी वर्षों की मेहनत है। यह ऐसा काम है जिसे राजनीतिक दृष्टि से कोई महत्व नहीं देता है। इसके पीछे हमने भरपूर ऊर्जा लगाई। एक विस्तृत चीता एक्शन प्लान तैयार किया गया। हमारे वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च की। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर काम किया। हमारी टीम वहां गई। वहां के एक्सपर्ट्स भारत आए। पूरे देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए वैज्ञानिक सर्वे किए गए। तब कूनो नेशनल पार्क को इस शुरुआत के लिए चुना गया। आज हमारी वह मेहनत परिणाम के रूप में सामने है।
12:05 PM (IST) Sep 17
नरेंद्र मोदी ने कहा, "जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं। आजादी के अमृत काल में हमने अपनी विरासत पर गर्व करने और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के लिए पंच प्रण दोहराया है। पिछली सदी में हमने देखा है कि प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन और आधुनिकता का प्रतीक माना गया। 1947 में जब देश में आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी गैर जिम्मेदारी से शिकार कर लिया गया था। 1952 में देश से चीतों के खत्म होने की घोषणा कर दी गई, लेकिन दशकों तक उनके पुनर्वास के लिए सार्थक प्रयास नहीं किया।"
11:58 AM (IST) Sep 17
चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों पहले जो जैव विविधता की कड़ी टूट गई थी आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति के प्रति चेतना भी जागृत हो उठी है। नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं इस अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार को भी धन्यवाद देता हूं, जिनके सहयोग से चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं।"
11:39 AM (IST) Sep 17
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही लीवर घुमाकर बॉक्स को खोला चीते तेजी से बाहर आ गए। उनके गले में रेडियो कॉलर लगाया गया था। चीतों ने घूमकर अपने बाड़े का जायजा लिया। चीतों को एक महीने तक बाड़े में क्वारंटाइन रखा जाएगा। इस दौरान देखा जाएगा कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं है। सबकुछ ठीक रहने पर उन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।
11:35 AM (IST) Sep 17
चीतों को छोड़ने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैट और काला चश्मा पहने दिखे। उन्होंने जैकेट पहना हुआ था। बाड़े में आने के बाद चीते जब नए माहौल को भांप रहे थे तब प्रधानमंत्री ने ताली बजाई।
11:31 AM (IST) Sep 17
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया है। उन्होंने लीवर घुमाकर चीतों को आजाद किया। चीते जब बाड़े में गए तो नरेंद्र मोदी ने कैमरा लेकर खुद उनकी फोटोग्राफी की।
11:10 AM (IST) Sep 17
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नामीबिया से चीतों को मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में लाया गया है। यह एमपी के लिए बहुत बड़ा उपहार है। वे विलुप्त हो गए थे। उन्हें फिर से लाना ऐतिहासिक कदम है। इससे मप्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
10:59 AM (IST) Sep 17
चीतों को खास हवादार बॉक्स में रखकर लाया गया। आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर शामिल हैं। मादाओं की उम्र दो से पांच साल के बीच है, जबकि नर चीतों की उम्र 4.5 साल और 5.5 साल है। इन चीतों की मदद से भारत में इनकी संख्या बढ़ेगी।
10:58 AM (IST) Sep 17
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना के विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचे थे। ग्वालियर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। नरेंद्र मोदी यहां से हेलिकॉप्टर में सवार होकर कूनो नेशनल पार्क पहुंचे।
10:48 AM (IST) Sep 17
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए हैं। वह थोड़ी देर में चीतों को छोड़ेंगे। अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया गया है। नामीबिया से चीतों को विशेष चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट से ग्वालियर लाया गया था। यहां से उन्हें चिनूक हेलिकॉप्टर में रखकर कूनो नेशनल पार्क लाया गया।