प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एमपी की स्टार्टअप नीति (MP Startup Policy) का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप की दुनिया बदल गई है। 2014 में जब हमारी सरकार आई थी तो देश में 300-400 स्टार्टअप थे।
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा शुक्रवार शाम को मध्य प्रदेश के इंदौर में एमपी की स्टार्टअप नीति (MP Startup Policy) का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप की दुनिया बदल गई है। आज देश में करीब 70 हजार नए स्टार्टअप हैं। इस मौके पर पीएम ने स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं से बात की और अपने सुझाव दिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति है उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व है। देश एक नई युवा ऊर्जा के साथ विकास को गति दे रहा है। एमपी की स्टार्टअप नीति के तहत स्टार्टअप और इनक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता दी गई है।
2014 में थे 300-400 स्टार्टअप
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार आई थी तो देश में 300-400 स्टार्टअप थे। इसकी तब चर्चा नहीं होती थी। 8 साल के छोटे से कालखंड में आज भारत में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल चुकी है। आज हमारे देश में करीब 70 हजार स्टार्टअप हैं। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न हब में भी एक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। आज औसतन आठ या दस दिन में भारत में एक स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाता है।
छोटे-छोटे शहरों तक फैले हैं स्टार्टअप
पीएम ने कहा कि शून्य से शुरू कर किसी एक स्टार्टअप का यूनिकॉर्न बनने का मतलब है कि इतने कम समय में करीब 7 हजार करोड़ रुपए की पूंजी तक पहुंचना। ये भारत के युवाओं का सामर्थ है। सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त करने की इच्छाशक्ति का उदाहरण है। मैं अर्थ जगत की नीतियों का अध्ययन करने वाले जानकारों को एक बात नोट करने को कहूंगा। भारत में जितना बड़ा हमारे स्टार्टअप का वॉल्यूम है उतनी ही उसकी डायवर्सिटी भी है। ये स्टार्टअप किसी एक राज्य या दो चार मेट्रो सिटी तक सीमित नहीं हैं। ये स्टार्टअप अनेक राज्यों और छोटे-छोटे शहरों में फैले हैं।
कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं स्टार्टअप
एक मोटे-मोटे हिसाब के अनुसार 50 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रकार के उद्योग से स्टार्टअप जुड़े हुए हैं। ये देश के प्रत्येक राज्य और 650 से ज्यादा जिलों में फैले हुए हैं। करीब 50 फीसदी स्टार्टअप तो ऐसे हैं जो टियर टू और टियर थ्री सिटी में आते हैं। अक्सर कुछ लोगों को भ्रम हो जाता है कि स्टार्टअप यानि कम्प्यूटर से जुड़ा हुआ नौजवानों का कोई खेल चल रहा है। कोई कारोबार चल रहा है। यह भ्रम है। हकीकत यह है कि स्टार्टअप का विस्तार बहुत बड़ा है। स्टार्टअप हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं। हम देख रहे हैं कि कल के स्टार्टअप आज के मल्टीनेशनल कंपनियां बन रहे हैं।
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मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज कृषि, रिटेल बिजनेस और हेल्थ सेक्टर में नए-नए स्टार्टअप उभरकर सामने आ रहे हैं। आज जब हम दुनिया को भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते सुनते हैं तो हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है, लेकिन एक सवाल भी है। आठ साल पहले तक जो स्टार्टअप शब्द कुछ गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरा करने का माध्यम कैसे हो गया? यह बड़ा शिफ्ट कैसे आया? अचानक नहीं आया। एक सोची समझी रणनीति का परीणाम है।