
भोपाल, मध्य प्रदेश. पटेल नगर स्थित सरकारी 'अनुसूचित जनजाति बालक माध्यमिक आश्रम शाला' में 7 साल के बच्चे सूरज की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बच्चे की हत्या आश्रम के ही चौकीदार ने की थी। दरअसल, बच्चे को रात में पेशाब लगी थी। वो पहली मंजिल से उतरकर ग्राउंड फ्लोर पर बने बाथरूम में आया था। लेकिन डरके मारे बाथरूम में जाने की उसकी हिम्मत नहीं हुई। लिहाजा उसने दरवाजे पर ही पेशाब कर दी। चौकीदार को इस पर गुस्सा आया और उसने बेंच की रॉड(लकड़ी) बच्चे के सिर में दे मारी। इसके बाद चौकीदार ने उसका गला भी दबा दिया।
पुलिस के ऐसे करता रहा गुमराह..
एएसएपी संजय साहू ने बताया कि चौकीदार जगदीश(40) ने कबूला कि रॉड मारने के बाद बच्चा गिरकर बेहोश हो गया था। इससे वो घबरा गया।। जुर्म छुपाने उसे दूसरा बड़ा जुर्म कर दिया। बच्चे का गला दबा दिया। जब काफी देर तक जब सूरज ऊपर नहीं लौटा, तो उसका बड़ा भाई दीपक उसे देखने नीचे उतरा। तब घटना का पता चला। पुलिस के अनुसार, जगदीश बार-बार अपने बयान बदल रहा था। चौकीदार ने बताया कि बुधवार को उसने अपने हाथ से सूरज को खाना खिलाया था। यही से उसका झूठ पकड़ में आ गया। दरअसल, इस दिन सूरज पास के मंदिर में भंडारा खाने गया था। लिहाजा उसने आश्रम में खाना खाया ही नहीं था। इस घटना के बाद भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौड़े ने हॉस्टल अधीक्षिका रेचल राम और पर्यवेक्षण अधिकारी शकील कुरैशी दोनों को निलंबित कर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
पहला कक्षा का छात्र था सूरज
सूरज पहली कक्षा का छात्र था। वो सीहोर जिले के रहटी का रहने वाला था। सूरज और उसके भाई का एडमिशन इसी जुलाई में पटेल नगर स्थित शासकीय अनुसूचित जनजाति बालक माध्यमिक शाला में कराया था। हॉस्टल में 8वीं कक्षा तक के 56 बच्चे रहते हैं।
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