शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार: सिंधिया के खास MLA बने मंत्री, जो 3 बार ले चुके हैं मिनिस्टर की थपथ

Published : Jan 03, 2021, 01:01 PM ISTUpdated : Jan 03, 2021, 01:52 PM IST
शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार: सिंधिया के खास MLA बने मंत्री, जो 3 बार ले चुके हैं मिनिस्टर की थपथ

सार

दो महीने पहले 10 नंवबर को मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजे आने के बाद से लगातार इंतजार किया जा रहा था कि शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार होगा। मुख्यमंत्री चौहान और  सिंधिया के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह सहमित बनी।

भोपाल. आखिरकार मध्य प्रदेश में सरकार का आज तीसरी बार कैबिनेट विस्तार हो गया। शिवराज के इस मंत्रिमंडल की टीम में दो मंत्री और शामिल हो गए। एक बार फिर से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह बेहद सादगी से राजभवन में सपन्न हुआ। सबसे खास बात यह कि यह दोनों विधायक पांच साल से पहले तीन बार मिनिस्टर की शपथ ले चुके हैं। दो बार बीजेपी सरकार में तो एक बार कमलनाथ के राज्य में मंत्री बने थे।

2 महीने से अटका था मंत्रिमंडल का विस्तार
दरअसल, दो महीने पहले 10 नंवबर को मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजे आने के बाद से लगातार इंतजार किया जा रहा था कि शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन सहमति नहीं बन पा रही थी।

सिंधिया की पसंद के विभाग मिलेंगे...
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधायक तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसके पहले भी सिंधिया के अनुसार ही दोनों विधायकों को उनकी पसंद के विभाग दिए गए थे। बताया जा रहा है कि अब एक फिर सीएम और सिंधिया के बीच हुई कई दौर की बातचीत के बाद उनकी चाहत के मुताबिक विभाग सौंपे जा रहे हैं।

पहले दोनों ने इस वजह से दिया था इस्तीफा
कमलनाथ सरकार गिराने के बाद शिवराज सरकार में मंत्री बनने के बाद दोनों ने छह माह की अवधि समाप्त होने के कारण मंत्री पद से 20 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था। संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्‍य बने बिना 6 महीने से ज्‍यादा समय तक मंत्रीपद पर नहीं रह सकता। इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
 

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