हौंसले की मिसाल: पंचर बनाकर अपना परिवार पालती है यह महिला, बेटियों को पढ़ाया..पति की हो चुकी है मौत

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम आपको आज एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसके हौसले और हिम्मत को हर कोई सलाम करता है। इनकी संघर्ष की कहानी दूसरी महिलओं के लिए एक मिसाल है। 


मंदसौर (मध्य प्रदेश), अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम आपको आज एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसके हौसले और हिम्मत को हर कोई सलाम करता है। इनकी संघर्ष की कहानी दूसरी महिलओं के लिए एक मिसाल है। 

कड़ी मेहनत कर कायम की मिसाल
दरअसल, हम बात कर रहे हैं  45 वर्षीय मैना सोलंकी की जिन्होंने कड़ी मेहनत से यह बता दिया है कि नारी शक्ति किसी से कम नहीं। मैना मूल रूप से मध्यप्रदेश के मंदसौर की रहने वाली हैं। वह टायर पंचर बनाने का काम करती हैं। इसी के जरिए उनका घर का गुजारा चलता है। 

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माता-पिता और पति की मौत के बाद करने लगीं यह काम
बता दें कि मैना के माता-पिता भी यह काम करते थे। शादी के बाद पति मजदूरी का काम करता था। लेकिन जब पति की मौत हुई तो मैना अपनी तीन बेटियों की पढ़ाई और उनके भरण-पोषण के लिए वह भी अपने पिता की तरह पंचर जोड़ने का काम करने लगी। 

20 साल से जोड़ रहीं पंक्चर
एक इंटरव्यू दौरान मैना ने बताया कि इस काम के लिए मैने भी पुरुषों की तरह पैंट और शर्ट पहनना भी शुरू कर दिया। कुछ दिन तक समाज के लोगों ने मुझ पर ताने मारे। लेकिन मैंने उनकी परवाह किए बिना अपने परिवार  की जिम्मेदारी निभाती रहीं। बता दें कि मैने पिछले 20 साल से टायर पंचर बनाने का काम कर रही हैं। 

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