आदित्य ठाकरे के पोस्टर पर मराठी से इतर भाषा की वजह से शिवसेना पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
मुंबई(Mumbai). महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। चुनाव में पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य उम्मीदवार के रूप में सामने आया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी के टिकट पर वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य ठाकरे पर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि समूचे देश की निगाहें हैं। हो भी क्यों न। आदित्य ठाकरे ने पार्टी की कमान संभाली हुई है।
आदित्य ने जनआशीर्वाद यात्रा के माध्यम से राजयभर में जनसम्पर्क और प्रचार की शुरुआत कर दी है। आदित्य ठाकरे बातचीत में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। इस बीच शिवसेना की पहली लिस्ट में वर्ली विधानसभा सीट से आदित्य ठाकरे की उम्मीदवारी सामने आने के बाद, वर्ली में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं। आदित्य की फोटो वाले होर्डिंग्स की भाषा विशेषतौर पर गुजराती और तेलुगु भी है।
हालांकि अब वर्ली में इन होर्डिंग्स के बहाने आदित्य ठाकरे और शिवसेना पर आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्षी नेता धनंजय मुंडे ने शिवसेना पर सत्ता के लिए समझौता करने का आरोप लगाया है।
बताने की जरूरत नहीं है कि मराठी मुद्दे खासकर भाषा और स्थानीय लोगों के हक़ को लेकर बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी। उन्होंने राज्य में बाहर से आए लोगों के खिलाफ मराठी मानुष को एकजुट करने की कोशिश की। अब आदित्य ठाकरे के पोस्टर पर मराठी से इतर भाषा की वजह से शिवसेना पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
वैसे बताते चलें कि मुंबई में बड़ी संख्या में गुजराती और तमिल मूल के मतदाता हैं। शिवसेना इन मतदाताओं को भी आकर्षित करने के प्रयास में है। वैसे भी आदित्य ठाकरे को शिवसेना की नई पीढ़ी का नेता बताया जा रहा है जो पारंपरिक मुद्दों के साथ सबको साथ लेकर चलने की बात करते नजर आते हैं। आदित्य को उदार नेता भी माना जाता है। देखना होगा कि आदित्य ठाकरे अपने कोर वोट के साथ दूसरे भाषा-भाषी मतदाताओं को किस तरह आकर्षित करते हैं।
बताते चलें कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ महायुति बनाई है। शिवसेना राज्य की 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महायुति में कुछ दूसरे दल भी शामिल हैं।