साफ सुथरी छवि वाले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण 16000 से अधिक मतों से विजयी हुए हैं। इन्होंने कराड साउथ से सुरेश भोंसले को हराया है।
सातारा/मुंबई। कांग्रेस और एनसीपी की तत्कालीन सरकार में आदर्श हाउसिंग सोसायटी के घोटाले ने कई नेताओं के करियर पर बुरा असर डाला। लेकिन एक नेता ऐसा भी है जिसके लिए ये घोटाला लौटरी से कम साबित नहीं हुआ। दरअसल, घोटाले के बाद कांग्रेस-एनसीपी की सरकार पर मीडिया और विपक्ष के हमले तेज हो गए थे। उस वक्त 2010 में पार्टी ने राज्य के तमाम कद्दावर नेताओं को दरकिनार करते हुए अशोक चव्हाण की जगह साफ-सुथरी छवि वाले पृथ्वीराज चव्हाण को मुख्यमंत्री बनाया।
पृथ्वीराज चव्हाण ने विदेश में पढ़ाई-लिखाई और नौकरी की है। बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट ये नेता पढ़ाई के दौरान यूनेस्को की फेलोशिप भी हासिल कर चुका है। इन्हें पार्टी का शांत, गंभीर और गांधी परिवार का करीबी नेता माना जाता है।
विरासत में मिली राजनीति
सीएम बनने से पहले पृथ्वीराज चव्हाण पीएमओ में राज्य मंत्री थे। वो कई राज्यों में पार्टी के प्रभारी और कांग्रेस के महासचिव भी रह चुके थे। कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को भी राजनीति विरासत में मिली।
इनके पिता दाजीसाहब चव्हाण कराड लोकसभा सीट से सांसद रहने के साथ ही 1957 से 1973 तक जवाहर लाल नेहरू, लाला बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। बाद में 1973, 1977, 1984, 1989 और 1991 तक इनकी मां यहां से सांसद रहीं। मां के निधन के बाद पहली बार उपचुनाव जीतकर पृथ्वीराज सांसद बने थे। कराड से पृथ्वीराज चव्हाण ने 1998 तक लगातार तीन बार चुनाव जीता। यूपीए की सरकार में मंत्री भी बने। पृथ्वीराज चव्हाण के दो बच्चे है जिनके नाम अंकिता और जय हैं।