
अहमदनगर (महाराष्ट्र)। सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति के खिलाफ अपनी प्रस्तावित भूख हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है। अन्ना हजारे ने मीडिया से कहा, "मैंने महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति के खिलाफ अपनी प्रस्तावित भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है। मुझे संबंधित विभाग के सचिव से एक पत्र मिला, जिसमें उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि फैसला लागू करने से पहले लोगों से इस नीति पर विचार किया जाएगा।"
दरअसल, अन्ना हजारे ने सुपर मार्केट और वॉक-इन स्टोर्स में शराब बेचने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को लेकर 14 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की थी। उन्होंने भूख हड़ताल की घोषणा करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि अगर सरकार राज्य भर के श्रमिकों और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शराब बेचने का फैसला वापस नहीं लेती है हमें आंदोलन करना होगा। मैं 14 फरवरी से रालेगण सिद्धि स्थित यादव बाबा मंदिर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करूंगा।
पत्र में कहा गया कि ऐसा लगता है कि यह निर्णय पूरी तरह से राज्य के बढ़ते राजस्व और शराब उत्पादकों और विक्रेताओं के हितों को देखते हुए लिया गया है। लेकिन सरकार को नहीं लगता कि इस निर्णय से छोटे बच्चे, युवा और महिलाएं शराब के आदी हो सकते हैं। इस निर्णय के कारण लोगों को परेशानी भुगतना पड़ सकता है।
5,000 शुल्क पर शराब बेचने की मंजूरी
अन्ना हजारे ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पहले ही दो 'रिमाइंडर लेटर' भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में सुपर मार्केट और वॉक-इन स्टोर्स में 5,000 रुपए के फ्लैट वार्षिक लाइसेंस शुल्क पर शराब बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य मंत्रिमंडल के अनुसार इस निर्णय का उद्देश्य भारतीय वाइनरी के लिए अधिक सुलभ मार्केटिंग चैनल सुनिश्चित करना है।
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