मनसे चीफ 2014 के विधानसभा चुनाव में 'राज्य की सत्ता मुझे दो, मैं महाराष्ट्र को सीधा कर दूंगा' कहते नजर आ रहे थे। मगर एक पर एक मिली राजनीतिक असफलताओं के बाद अब सक्षम विपक्ष बना देने की गुहार लगा रहे हैं।
मुंबई. कहते हैं कि वक्त बुरा हो तो इंसान बदल जाता है, उसके तेवर बदल जाते हैं। राजनीतिक रूप से देखें तो राज ठाकरे का वक्त भी बुरा नजर आ रहा है। उनके तेवर बदल चुके हैं। जिस तरह से ठाकरे को एक पर एक राजनीतिक असफलताएं मिलीं, राज ठाकरे की आक्रामकता कमजोर पड़ती गई है। ये फर्क पिछले पांच साल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चीफ के भाषणों में भी नजर आता है।
मनसे चीफ 2014 के विधानसभा चुनाव में 'राज्य की सत्ता मुझे दो, मैं महाराष्ट्र को सीधा कर दूंगा' कहते नजर आ रहे थे। मगर एक पर एक मिली राजनीतिक असफलताओं के बाद अब सक्षम विपक्ष बना देने की गुहार लगा रहे हैं। फायर ब्रांड नेता अब कह रहा है, "हमारी पार्टी को मजबूत विपक्ष बनाकर विधानसभा में भेजें।
राज्य में इस तरह की चर्चा
राज्य में इस तरह की चर्चा है कि राज ठाकरे विधानसभा चुनाव के नतीजों को भांप चुके हैं। इसी वजह से विपक्षी दल बनाने की मांग कर रहे हैं।
गोरेगांव में राज ठाकरे ने क्या कहा?
मुम्बई के गोरेगांव में रैली के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि इस समय हम सत्ता मांगने नहीं आए हैं। बल्कि हमें एक मजबूत विपक्ष बनाकर विधानसभा में भेजें। यह राज्य के लिए जरूरी है। राज्य को एक सक्षम और मजबूत विपक्ष की आवाज चाहिए। सत्ता पक्ष के विधायक सरकार से सवाल नहीं कर सकते हैं। मैं आज मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा सकता हूं।
बताते चलें कि राज की पार्टी करीब 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में मनसे को महज एक सीट पर कामयाबी मिली थी। हाल के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। लेकिन भाजपा और शिवसेना के गठबंधन का जमकर विरोध किया। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी का सूपड़ा साफ हो गया।