पुणे. भवानी पथ निवासी रूपाली गायकवाड़ ब्यूटी पॉर्लर चलाती हैं। एक दिन आरोपी अजीत बापू ने उन्हें कॉल किया। उसने खुद को पुलिस सब इंस्पेक्टर बताया। अजीत ने कहा कि उसकी पत्नी को मेकअप कराना है। इसलिए वो घर आ जाए। आरोपी ने पीड़ित महिला से कहा कि वो नावले ब्रिज तक आए जाए। वहां से वो उसे पिकअप कर लेगा।
रूपाली जब वहां पहुंची, तो आरोपी ने उसका बैग छीन लिया। बैग में 10 हजार रुपए भी थे। आरोपी ने रूपाल को डराया-धमकाया। रूपाली घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया। अगले दिन वो खादक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने पहुंची, लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें उनके थाना क्षेत्र का मामला न होना बताकर टरका दिया। रूपाली दो अन्य थानों में गई, लेकिन वहां भी उसकी फरियाद नहीं सुनी गई।
फिर खुद की प्लानिंग...
पुलिस से मदद न मिलने के बाद भी रूपाली ने हार नहीं मानी। उसने एक शख्स के नाम पर अजीत को कॉल किया और औंध इलाके में बुलाया। इसके बाद अपने दोस्तों और परिजनों की मदद से आरोपी को दबोच लिया। हालांकि यहां भी रूपाली की मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। वो जब आरोपी को लेकर चतुरश्रृंगी थाने पहुंची, तो पुलिसवालों ने बेइज्जत करके सिन्हागढ़ थाने भेज दिया। इस थाने में पुलिसवालों ने अजीत को छोड़ दिया। रूपाली FIR पर अड़ गई और आधी रात तक थाने में बैठी रही। अगले दिन संयोग से DCP थाने का दौरा करने पहुंच गए। उन्होंने मामला सुना और फिर FIRदर्ज करने के निर्देश दिए। तब कहीं जाकर आरोपी गिरफ्तार हो सका।