दुकानों में मराठी साइनबोर्ड को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

Mandatory Marathi signboards Controversy in Maharashtra : दुकानों के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में मराठी साइनबोर्ड लगाने की अनिवार्यता को चुनौती देने वाले व्यापारियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि मराठी महाराष्ट्र की मातृभाषा है। ऐसे में इसे लिखने की अनिवार्यता को भेदभाव नहीं कहा जा सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2022 8:04 AM IST

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High court) ने बुधवार को रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन (Retail Treders association) की एक याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में ट्रेडर्स एसोसिएशन ने पूरे महाराष्ट्र में दुकानों के बाहर मराठी साइनबोर्ड की अनिवार्यता को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने माना है कि अनिवार्य मराठी साइनबोर्ड का नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है।

मराठी महाराष्ट्र की मातृभाषा, भेदभाव नहीं कह सकते 
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही इसे सीएम राहत कोष में जमा कराने के आदेश दिए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाया कि मराठी महाराष्ट्र की मातृभाषा है और किसी भी दुकान या अन्य स्थानों के बाहर मराठी साइनबोर्ड अनिवार्य करने के नियम को भेदभाव नहीं कहा जा सकता है।

Latest Videos

क्या है मामला 
जनवरी में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार की कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर सभी छोटी - बड़ी दुकानों में बड़े अक्षरों में मराठी भाषा में साइनबोर्ड लगाने के नियम को मंजूरी दी थी। ट्रेडर्स एसोसिएशन ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए अनिवार्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

दुकानों में तोड़फोड़ की मिल रही थी चुनौती 
दरअसल, यह नियम लागू होने के बाद से दुकानदारों को सुरक्षा का डर सता रहा था। कुछ समय पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी इसे लेकर धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि 'दुकानदार सोच लें कि साइनबोर्ड बदलने का खर्च ज्यादा आएगा या दुकान के कांच बदलने का खर्च ज्यादा होगा।' 

दुकानदारों को क्या आपत्ति 
इस विवाद के बढ़ने के बाद फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स ऐंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा था कि दुकानों के बोर्ड मराठी में लिखने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन फॉन्ट साइज को लेकर आपत्ति है। उन्होंने सरकार से दुकानों की सुरक्षा करने की मांग की थी। शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना था कि लोग महाराष्ट्र में रहते हैं और मराठी का विरोध करते हैं। इसलिए उन्हें मराठी में बोर्ड लगाने चाहिए।  


यह भी पढ़ें नवाब मलिक पर ED का शिकंजा, संजय राउत और सुप्रिया सुले की BJP को खुली धमकी, ‘2024 के बाद आपकी भी जांच होगी’

यह भी पढ़ें 
 Bhagyashree ने जब पति को घुटनों पर बैठने को कर दिया मजबूर, फोटो शेयर करते हुए कही थी ये बात

Share this article
click me!

Latest Videos

इजरायल को खत्म कर देंगे...हाथ में बंदूक थाम खामेनेई ने किया वादा
'हिम्मत कैसे हुई पूछने की' भरी अदालत में वकील पर क्यों भड़के CJI चंद्रचूड़
चाणक्य: 4 चीजों में महिलाओं की बराबरी नहीं कर सकते हैं पुरुष #Shorts
सावित्री जिंदल से भी अमीर है एक बंदा, जानें हरियाणा चुनाव में कौन है 10 सबसे अमीर प्रत्याशी?
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024