महाराष्ट्र के शिरडी शहर से पिछले एक साल में 88 से अधिक व्यक्तियों के कथित रूप से लापता होने के पीछे (मानव) तस्करी या अंग रैकेट की संभावना की जांच करने का आदेश दिया है
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के शिरडी शहर से पिछले एक साल में 88 से अधिक व्यक्तियों के कथित रूप से लापता होने के तथ्य का संज्ञान लेते हुये पुलिस को उनकी गुमशुदगी के पीछे (मानव) तस्करी या अंग रैकेट की संभावना की जांच करने का आदेश दिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति टी वी नलवाडे और न्यायमूर्ति एस एम गवान्हे की पीठ ने मनोज कुमार नामक एक व्यक्ति की 2018 की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले महीने यह टिप्पणी की। मनोज की पत्नी 2017 में शिरडी से लापता हो गयी थी।
एक साल में 88 से अधिक लोग लापता
अदालत ने कहा, ''पिछले एक साल में शिरडी से 88 से अधिक लोग कथित रूप से लापता हो गये। ज्यादातर मामलों में, लोग मंदिर में दर्शन करने के लिए शिरडी आये थे।'' अहमदनगर जिले में शिरडी में साईबाबा का प्रसिद्ध मंदिर है जिन्हें विभिन्न समुदाय के लोग पूजते हैं। देश के सबसे समृद्ध धर्मस्थलों में शामिल शिरडी में रोजना देश-विदेश से हजारों लोग पहुंचते हैं।
पीठ ने कहा कि गायब लोगों में कुछ का पता चला लेकिन कुछ का कोई पता नहीं चला। उनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। न्यायाधीशों ने कहा, ''जब कोई गरीब व्यक्ति गायब होता है तो रिश्तेदार असहाय होते हैं। ज्यादातर लोग पुलिस के पास पहुंचते ही नहीं और बमुश्किल ही ऐसे मामले इस अदालत में आ पाते हैं।''
मानव तस्करी का शक
पीठ ने कहा, ''इस प्रकार, ऐसी संभावना है कि रिकार्ड के अनुसार 88 से अधिक लोग गायब हो गये।'' अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाओं के पीछे वजह मानव तस्करी या अंगों का रैकेट हो सकती है। अदालत ने कहा, ''ऐसी संभावना के कारण, यह अदालत अमहदनगर के पुलिस अधीक्षक से जांच के लिए विशेष इकाई गठित करने की उम्मीद करती है और तस्करी या अंगों के खरीद-फरोख्त में लगे लोगों का पता लगाने और कार्रवाई करने की उम्मीद है।''
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(प्रतीकात्मक फोटो)